Loading election data...

लॉकडाउन में फंसे झारखंड के 13 युवा 7 दिन में 1400 किमी साइकिल चलाकर रोहतक से रांची पहुंचे

Rohtak To Ranchi On Bicycle: अनगड़ा (रांची) : झारखंड सरकार एक ओर अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए ट्रेन और हवाई जहाज के इंतजाम कर रही है, तो दूसरी ओर ऐसे भी लोग हैं, जिनको एक हजार किलोमीटर से ज्यादा साइकिल चलाकर अपने घर आना पड़ रहा है. ऐसे ही 13 युवा प्रवासी श्रमिक हरियाणा से शनिवार को रांची पहुंचे. एक सप्ताह तक साइकिल चलाकर 1400 किलोमीटर की दूरी तय की और शनिवार (30 मई, 2020) को रोहतक से रांची के अनगड़ा प्रखंड पहुंचे. ये 13 युवा कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से घोषित देशव्यापी लॉकडाउन में रोहतक में फंस गये थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2020 4:00 PM

अनगड़ा (रांची) : झारखंड सरकार एक ओर अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए ट्रेन और हवाई जहाज के इंतजाम कर रही है, तो दूसरी ओर ऐसे भी लोग हैं, जिनको एक हजार किलोमीटर से ज्यादा साइकिल चलाकर अपने घर आना पड़ रहा है. ऐसे ही 13 युवा प्रवासी श्रमिक हरियाणा से शनिवार को रांची पहुंचे. एक सप्ताह तक साइकिल चलाकर 1400 किलोमीटर की दूरी तय की और शनिवार (30 मई, 2020) को रोहतक से रांची के अनगड़ा प्रखंड पहुंचे. ये 13 युवा कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से घोषित देशव्यापी लॉकडाउन में रोहतक में फंस गये थे.

Also Read: रांची के लिए बेंगलुरु से 31 मई को खुलेगी श्रमिक स्पेशल ट्रेन

यातायात के सभी साधन बंद थे. हरियाणा से सीधी ट्रेन भी नहीं चल रही थी. दिल्ली से ट्रेन झारखंड के लिए आयी, लेकिन दिल्ली पहुंचना भी मुश्किल था. ऐसे में जैसे-जैसे दिन बीत रहा था, इनकी चिंता बढ़ रही थी. दिल की धड़कनें तेज हो रही थी. अपने लोगों की याद इन्हें सता रही थी. ये सभी लोग जल्द से जल्द अपने घर लौटने को बेताब थे. किसी भी तरह से ये मुश्किल वक्त में अपने परिवार और स्वजनों के पास लौटना चाहते थे. लेकिन, कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था.

लॉकडाउन के दौरान काम बंद हो चुका था. पैसे की आमद हो नहीं रही थी. जो पैसे जमा करके रखे थे, सब खत्म हो गये. अब तो खाने के लाले पड़ने लगे थे. आगे के दिन कैसे बीतेंगे. कोई सरकारी मदद भी नहीं मिल पा रही थी. ऐसे में सभी युवा प्रवासी श्रमिक बेहद परेशान थे कि आगे करें, तो क्या करें. इसी दौरान लॉकडाउन में फैक्ट्रियों और खेती-बाड़ी से जुड़े काम शुरू करने की सरकार ने अनुमति दे दी.

रोहतक में फंसे झारखंड के इन युवाओं के लिए सरकार का यह आदेश वरदान साबित हुआ. रांची जिला के अनगड़ा के इन युवकों ने एक प्लाई फैक्ट्री में मजदूरी करनी शुरू कर दी. साथ ही गेहूं के खेत में काम करना शुरू कर दिया. लॉकडाउन में ढील के दौरान काम करके इन लोगों ने रुपये जुटा लिये. इन लोगों ने 3,500-3,500 रुपये की दर से साइकिल खरीदी और अपने घर के लिए निकल पड़े.

लॉकडाउन में फंसे झारखंड के 13 युवा 7 दिन में 1400 किमी साइकिल चलाकर रोहतक से रांची पहुंचे 2

रोहतक से रांची तक के 1400 किलोमीटर का सफर तय करने में इन्हें एक सप्ताह लग गये. और एक सप्ताह बाद आखिरकार ये लोग अपने गृह राज्य पहुंच गये. शनिवार (30 मई, 2020) को ये लोग आखिरकार अपने गृह राज्य पहुंचे. यहां पहुंचने के बाद सभी 13 युवा अनगड़ा स्थित राजकीयकृत मध्य विद्यालय टाटी-सिंगारी पहुंचे. अपने आने की जानकारी दी. प्रखंड प्रशासन ने इन्हें होम कोरेंटिन कर दिया.

रोहतक से 23 मई को रवाना होकर 30 मई को अनगड़ा पहुंचे सभी युवा टाटी पंचायत क्षेत्र के मातकमडीह के रहने वाले हैं. इनके नाम जगरनाथ बेदिया, एतवा बेदिया, शंभु बेदिया, फुतु बेदिया, बबलू लोहरा, अजित बेदिया, राजेंद्र बेदिया, सुकु बेदिया, बाबूलाल बेदिया, संतु बेदिया, बिरजू रजवार, भोला बेदिया व राजेश बेदिया हैं.

ये सभी लोग रोहतक में एक फैक्ट्री में काम करते थे. भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हुई, तो एक स्थानीय व्यक्ति ने इन्हें खाद्यान्न देकर कुछ दिनों तक सहारा दिया. बाद में उसने भी हाथ खींच लिये. फिर इन लोगों ने खेत में काम करना शुरू किया और वापस लौटने की तैयारी कर ली. रास्ते में कहीं खाना मिला, तो खा लिया, नहीं मिला तो पेड़ व खेत से फल व सब्जियां तोड़कर खाते हुए आगे बढ़ते रहे.

Also Read: श्रमिक स्पेशल ट्रेन के बाद अब रांची पहुंची श्रमिक स्पेशल फ्लाइट, 174 मजदूर पहली बार हवाई जहाज से झारखंड पहुंचे

मजदूरों ने बताया कि जब ये लोग गढ़वा में दाखिल हुए, तो पुलिस ने इन्हें रोका और स्वास्थ्यकर्मियों ने इनकी जांच की. स्वास्थ्य जांच के बाद सभी लोगों को अपने घर में ही पृथकवास (कोरेंटिन) में रहने के लिए कहा गया. स्थानीय आजसू नेता ने प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचल पदाधिकारी से मांग की है कि इन लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाये, ताकि इन्हें कोई परेशानी न हो.

Posted By Mithilesh Jha

Next Article

Exit mobile version