रांची : 100 सालों से जगन्नाथ की सेवा में जुटे हैं गुडू के ग्रामीण
रथयात्रा से एक दिन पूर्व आते हैं और रात भर करते हैं भजन-कीर्तन रांची : 100 साल से अधिक समय से भजन-कीर्तन व भगवान जगन्नाथ की सेवा गुडू, रातू के ग्रामीण कर रहे हैं. ग्रामीण हर साल रथयात्रा से एक दिन पूर्व यहां आते हैं और रात भर भजन-कीर्तन करते हैं. फिर प्रात: चार बजे […]
रथयात्रा से एक दिन पूर्व आते हैं और रात भर करते हैं भजन-कीर्तन
रांची : 100 साल से अधिक समय से भजन-कीर्तन व भगवान जगन्नाथ की सेवा गुडू, रातू के ग्रामीण कर रहे हैं. ग्रामीण हर साल रथयात्रा से एक दिन पूर्व यहां आते हैं और रात भर भजन-कीर्तन करते हैं. फिर प्रात: चार बजे पूजा-अर्चना के बाद सभी विग्रहों को मुख्य मंदिर से लाकर दर्शन मंडप में रखते हैं.
इसके बाद आम लोगों के दर्शन के लिए पट खोल दिया जाता है. तब से लेकर दिन के दो बजे तक भगवान के दर्शन व पूजा करवाने में ये लोगों की मदद करते हैं. इसके बाद भगवान को कंधों पर लेकर रथारूढ़ करवाते हैं. उन्हें इस बात की खुशी होती है कि रथयात्रा के समय उन्हें यह सौभाग्य मिलता है.
पूरी यात्रा तक वे लोग रथ पर ही रहते हैं और रथ के मौसीबाड़ी पहुंचने पर रथ से उतार कर सभी विग्रहों को मंदिर में रखते हैं. यहां पूजा-अर्चना व आरती के बाद सभी सदस्य रात को अपने गांव लौट जाते हैं.
इस कार्य में कामेश्वर महतो (सचिव), रामनंदन महतो, गिरधारी महतो, रमेश चंद्र महतो, बैजनाथ महतो, महावीर महतो, सुरेंद्र महतो, सुरेश महतो, प्रकाश महतो, सीताराम महतो, पंचू महतो, एम महतो, सुनील महतो समेत अन्य लोगों का सहयोग रहता है.
ग्रामीणों ने 1983 में मुख्य मंदिर में कीर्तन स्थली पर छज्जा का निर्माण करवाया था. हर साल उसी स्थल पर बैठ कर भजन कीर्तन करते हैं. ग्रामीण घुरती मेला के दिन भी आते हैं और भगवान की सेवा करते हैं. रथ पर सवार होकर भगवान को मुख्य मंदिर पहुंचाते हैं.