प्रतियोगिता परीक्षा में आदिम जनजाति के लिए कट ऑफ मार्क्‍स 30 प्रतिशत : रघुवर

– मुख्यमंत्री ने कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के कार्य प्रगति की समीक्षा की – 4 साल में विभिन्न पदों पर 45,176 लोगों की सीधी नियुक्ति – अगले 6 महीनों के भीतर 15,139 नियुक्ति होगी रांची : कार्मिक विभाग ने विभिन्न चयन प्राधिकार के द्वारा पिछले 4 साल में विभिन्न पदों पर 45,176 लोगों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 5, 2019 10:18 PM

– मुख्यमंत्री ने कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के कार्य प्रगति की समीक्षा की

– 4 साल में विभिन्न पदों पर 45,176 लोगों की सीधी नियुक्ति

– अगले 6 महीनों के भीतर 15,139 नियुक्ति होगी

रांची : कार्मिक विभाग ने विभिन्न चयन प्राधिकार के द्वारा पिछले 4 साल में विभिन्न पदों पर 45,176 लोगों की सीधी नियुक्ति करायी. विभाग आने वाले 6 महीनों के भीतर 15,139 प्रक्रियाधीन नियुक्ति को पूरा करेगा. मुख्यमंत्री ने प्रक्रियाधीन 3676 रिक्तियों पर 2734 पद सितंबर 2019 तक तथा शेष दिसंबर तक बहाली पूरा करने का निर्देश दिया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य गठन के बाद सरकारी नियुक्ति की प्रक्रिया धीमी रही है. यही कारण है कि हर विभाग में मैन पावर की कमी थी. वर्तमान सरकार के गठन के बाद सरकारी नियुक्तियों में भी तेजी आयी है. आने वाले 6 महीनों में वैसी विभिन्न विभागों की लगभग 20 हजार सरकारी नियुक्ति जो प्रक्रिया में है उसे पूरा कर लिया जायेगा. उक्त बातें मुख्यमंत्री ने आज झारखंड मंत्रालय में कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के कार्य प्रगति पर समीक्षा करते हुए कही.

आदिम जनजाति के लिए कट ऑफ मार्क्स 30 प्रतिशत

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिम जनजाति समाज के युवक-युवतियों को सरकारी नौकरी के लिए विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में राज्य सरकार द्वारा कट ऑफ मार्क्स में छूट दी जायेगी. इनके लिए अब विभिन्न चयन प्राधिकार द्वारा लिये जाने वाले प्रतियोगिता परीक्षा में कट ऑफ मार्क्स 30 फीसदी रखे जाने का निर्णय लिया गया है.

मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान यह बात आयी कि कई अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्रों में लंबे समय तक पिछड़े होने के कारण वर्तमान कटऑफ के आधार पर उक्त संवर्ग में शिक्षक नहीं मिल पा रहे हैं तथा पद रिक्त रह जा रहे हैं. विषय पर विचार कर यह निर्णय लिया कि शिक्षक बहाली में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के अभ्यार्थियों के लिए प्रतियोगिता परीक्षा में कट ऑफ मार्क्स 45 फीसदी से घटाकर 40 फीसदी की जाए और आदिम जनजाति के लिए कट ऑफ मार्क्स 38 फीसदी की जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य गठन के बाद से ही आदिम जनजाति, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को उच्च शिक्षा के प्राप्ति के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य नहीं हुए थे. वर्तमान सरकार ने इन समुदायों के सर्वांगीण विकास के लिए लोगों को कई विभिन्न योजनाओं से जोड़ने का कार्य किया है. इन समुदायों के भी युवक युवतियां पढ़ें और आगे बढ़े इसके लिए सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है.

स्थानीय नीति का मिला है फायदा

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने राज्य में स्थानीय नीति लागू की है. सभी प्रकार की नियुक्तियों में स्थानीय नीति के लागू होने से राज्य के युवाओं को पूरा फायदा मिला है. राज्य सरकार द्वारा लिये गये कुल सरकारी नियुक्तियों का 95 फीसदी नौकरी स्थानीय लोगों को ही मिली है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य गठन के 14 वर्ष बीत जाने के बाद भी किसी भी सरकार ने स्थानीय नीति को लागू करने का काम नहीं किया था. इसी वजह से राज्य के सरकारी नियुक्तियों में भ्रष्टाचार की गुंजाइश रहती थी. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने स्पष्ट नीति और साफ नियत के साथ सभी बहालियों पर पूरी पारदर्शिता रखी है.

मुख्यमंत्री ने छात्र हित में लिया बड़ा फैसला

मुख्यमंत्री ने कहा कि लिपिक के पदों के लिए 25 शब्द प्रति मिनट तथा 2 फीसदी से अधिक गलती न होने के स्थान पर 5 फीसदी से अधिक गलती न होने को जोड़ने का फैसला लिया गया. आशुलिपिक के पदों के लिए 0 फीसदी के बदले 2 फीसदी से अधिक गलती न होने का फैसला लिया गया. जो लोग क्वालीफाई करेंगे उन्हें अनिवार्य टाइपिंग प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाया जायेगा.

अमीन की नियुक्ति के लिए कैंपस सलेक्शन करने का निर्देश

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य में अमानत (अमीन) की बड़ी संख्या में रिक्तियां हैं. अमीन की रिक्तियों को भरने के लिए रांची विश्वविद्यालय में चल रहे अमीन के पाठ्यक्रम पर उत्तीर्ण छात्रों का कैंपस सलेक्शन करें. रांची विश्वविद्यालय से जो भी बच्चे अमानत की पढ़ाई किये हैं उन्हें कैंपस सेलेक्शन के जरिए सीधी नियुक्ति दें.

"हुनरमन्द बनो और नौकरी पाओ"

साथ ही, सर्ड में अमीन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की शुरुआत होगी। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य में अमीन की भारी कमी को देखते हुए राज्य सरकार रेवेन्यू डिपार्टमेंट के साथ समन्वय बनाकर रांची के सर्ड में अमानत (अमीन) प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की शुरुआत करे.

ग्राम सभा एवं वार्ड समिति की अनुशंसा से भी निर्गत होंगे जाति एवं आवासीय प्रमाण पत्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों का नाम खतियान में नहीं है उन्हें जाति प्रमाण पत्र तथा आवासीय प्रमाण पत्र के लिए प्रखंड कार्यालय दौड़ने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. ग्रामीण क्षेत्रों में सीधे ग्राम सभा की अनुशंसा या मुखिया के अनुशंसा के आधार पर जाति प्रमाण पत्र तथा आवासीय प्रमाण पत्र बनाया जा सकेगा. शहरी क्षेत्रों में वार्ड समिति की अनुशंसा पर प्रमाण पत्र निर्गत करने में सक्षम होंगे. इस संबंध में मुख्यमंत्री ने बैठक में कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये.

बैठक में मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी, अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, सचिव जेपीएससी रणेंद्र कुमार, उप सचिव जेएसएससी राजू रंजन, संयुक्त सचिव कार्मिक एके खेतान, संयुक्त सचिव एके सत्यजीत, संयुक्त सचिव ओम प्रकाश शाह, संयुक्त सचिव सतीश कुमार जायसवाल एवं उप सचिव चंद्रभूषण प्रसाद सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.

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