कैसे पहुंचें बाबाधाम?
विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेला इस बार कई संयोग लेकर आ रहा है. लगभग सवा सौ साल बाद सावन माह में इस बार 17 जुलाई को पूर्णिमा व संक्रांति तिथि के अनुसार सावन प्रारंभ हो रहा है. इस दिन सूर्य प्रधान उत्तराषाढ़ नक्षत्र से सावन माह की शुरुआत होगी. इस दिन वज्र और विष कुंभ योग का […]
विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेला इस बार कई संयोग लेकर आ रहा है. लगभग सवा सौ साल बाद सावन माह में इस बार 17 जुलाई को पूर्णिमा व संक्रांति तिथि के अनुसार सावन प्रारंभ हो रहा है. इस दिन सूर्य प्रधान उत्तराषाढ़ नक्षत्र से सावन माह की शुरुआत होगी. इस दिन वज्र और विष कुंभ योग का संयोग है. सावन में चार सोमवार पड़ेंगे. इसके अलावा रक्षा बंधन व स्वतंत्रता दिवस भी एक ही दिन होगा.
एक अगस्त को हरियाली अमावस्या पर पंच महायोग का संयोग माना जा रहा है.जानकारों के अनुसार, यह संयोग लगभग सवा सौ साल के बाद बन रहा है. देवघर एक प्रमुख तीर्थ स्थान है, यह झारखण्ड राज्य के संथाल परगना के अंतर्गत है. इस शहर में बाबा बैधनाथ का मंदिर स्थित है जो बारह ज्योतिर्लिंग में से एक है. इस ज्योतिर्लिंग को मनोकामना लिंग भी कहा जाता है। देवघर में प्रयटको के लिए बहुत से आकर्षण केंद्र है : नौलखा मंदिर , बासुकीनाथ , बैजू मंदिर और माँ शीतला मंदिर है. श्रावण मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. इस बार आप भी श्रावण में देवघर आने की योजना बना रहे हैं तो पहले आपके यहां तक पहुंचने का रूट समझ लीजिए.
हवाई यात्रा से देवघर तक कैसे पहुंचे
देवघर पहुंचने के लिए मुख्य स्टेशन जसीडीह है, जो की देवघर से 7 किलोमीटर की दूरी पर है. यह नयी दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, वाराणसी और भुवनेश्वर जैसे कई बड़े शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. यहाँ का मुख्य स्टेशन जसीडीह है जो की देवघर से 7 किलोमीटर की दूरी पर है.
सड़क मार्ग से देवघर