डॉक्टर माने, नर्से नहीं

शनिवार को मरीज के परिजन और जूनियर डॉक्टरों के बीच मारपीट हुई थी. इस घटना के बाद जूनियर डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया था और मामले को सुलझाने के लिए प्रबंधन तथा सरकार को समय दिया था. सोमवार को इनका मामला सुलझा लिया गया. जूनियर डॉक्टर्स ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है. दूसरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2014 4:22 AM

शनिवार को मरीज के परिजन और जूनियर डॉक्टरों के बीच मारपीट हुई थी. इस घटना के बाद जूनियर डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया था और मामले को सुलझाने के लिए प्रबंधन तथा सरकार को समय दिया था. सोमवार को इनका मामला सुलझा लिया गया. जूनियर डॉक्टर्स ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है. दूसरी तरफ रिम्स में कार्यरत सभी अनुबंधित नर्सो ने सोमवार से अपना आंदोलन शुरू कर दिया. नर्सो ने काला बिल्ला लगा कर काम किया. 24 जुलाई से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.

जूनियर डॉक्टर अब नहीं करेंगे हड़ताल

रांची

जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जेडीए) एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह के बीच सोमवार को वार्ता हुई, जिसमें मंत्री के आश्वासन के बाद जूनियर डॉक्टर हड़ताल टालने पर सहमत हो गये. जूनियर डॉक्टरों ने स्वास्थ्य मंत्री से आधारभूत संरचना, महत्वपूर्ण वार्ड को अत्याधुनिक बनाने एवं मैन पावर की समस्या को दूर करने की मांग की. स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि वह विभागीय स्तर से समस्याओं को दूर करने का प्रयास करेंगे. जेडीए के अध्यक्ष रवि मुरमू ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री से जूनियर डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल मिला था. मंत्री ने आश्वस्त किया है.

स्वास्थ्य मंत्री से मिलने वालों में जेडीए के साथ रिम्स निदेशक डॉ एसके चौधरी एवं रिम्स के वरिष्ठ चिकित्सक भी मौजूद थे. गौरतलब है कि रिम्स में दो दिन पूर्व मरीज की मौत के बाद परिजन एवं जूनियर डॉक्टर भिड़ गये थे. जूनियर डॉक्टरों ने 48 घंटे का समय दिया था.

सुझाव का समर्थन

रिम्स निदेशक डॉ एसके चौधरी ने बताया कि जूनियर डॉक्टरों ने स्वास्थ्य मंत्री को जो सुझाव दिया है वह स्वागत योग्य है. हम उनके सुझाव पर शीघ्र अमल करेंगे. यह मान लीजिए कि उनके सुझाव पर काम शुरू भी कर दिया गया है.

नर्सो का आंदोलन शुरू

रांची : रिम्स में कार्यरत अनुबंध नर्सो का सेवा स्थायी की मांग को लेकर सोमवार से आंदोलन शुरू हो गया. पहले दिन अनुबंध नर्सो ने काला बिल्ला लगा कर काम किया. दोपहर लगभग 12 बजे करीब एक दर्जन से अधिक नर्से अधीक्षक कार्यालय के कॉरीडोर में जुटीं. उसके बाद अपनी मांगों की जानकारी दी.

इससे पूर्व रिम्स प्रबंधन के आग्रह पर सोमवार को रिम्स अनुबंध नर्सो का प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह से मिला. नर्सो ने सेवा स्थायी किये जाने की मांग की. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उनकी सेवा स्थायी करने की प्रक्रिया चल रही है. थोड़ा समय लगेगा. मंत्री जी के आश्वासन को नर्सो ने नहीं माना. एसोसिएशन की रामरेखा राय ने बताया कि वार्ता विफल रही है. निर्धारित कार्यक्रम के तहत हड़ताल होगी.

एसोसिएशन की रामरेखा राय एवं निशा के अनुसार प्रबंधन की ओर से आंदोलन एवं हड़ताल स्थगित करने की अपील की गयी थी, लेकिन इसे हम नहीं मानेंगे. पूर्व में भी सरकार व प्रबंधन द्वारा आश्वासन दिया जाता रहा है, लेकिन 11 साल बाद भी हमारी मांगों पर गंभीरता नहीं बरती गयी. इस बार लड़ाई आरपार की होगी.

आज निदेशक का घेराव

आंदोलन के दूसरे दिन मंगलवार को नर्से वार्ड में काम करेंगी, लेकिन कागजी कार्य से दूर रहेंगी. 23 जुलाई को 12 बजे सभी नर्से अपनी मांग को लेकर निदेशक का घेराव करेंगी. 24 जुलाई को अनुबंध नर्स रिम्स परिसर में जुलूस निकालेंगी, फिर रात 12 बजे से सामूहिक हड़ताल पर चली जायेंगी.

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