गेतलसूद डैम में भी दिखने लगा है बारिश का असर
जलस्तर 1918.70 फीट पहुंचा सिकिदिरी : दो-तीन की बारिश से गेतलसूद डैम का जल स्तर बढ़ा है. हालांकि अपेक्षा के अनुरूप अभी भी डैम का जलस्तर नहीं है. आमतौर पर जुलाई माह में डैम का जलस्तर 1920 से 1925 फीट के आसपास रहता था, लेकिन इस वर्ष 21 जुलाई तक डैम का जलस्तर 1918.70 फीट […]
जलस्तर 1918.70 फीट पहुंचा
सिकिदिरी : दो-तीन की बारिश से गेतलसूद डैम का जल स्तर बढ़ा है. हालांकि अपेक्षा के अनुरूप अभी भी डैम का जलस्तर नहीं है. आमतौर पर जुलाई माह में डैम का जलस्तर 1920 से 1925 फीट के आसपास रहता था, लेकिन इस वर्ष 21 जुलाई तक डैम का जलस्तर 1918.70 फीट तक ही पहुंच पाया है. हालांकि जल स्तर का रिकार्ड बताता है कि लगातार व जोरदार बारिश होने से 24 घंटे के भीतर ही डैम का जलस्तर पांच से सात फीट बढ़ जाता है.
इधर, गेतलसूद डैम के जलस्तर में अपेक्षित वृद्धि नहीं होने के कारण सिकिदिरी परियोजना को भी बिजली उत्पादन के लिए डैम से पानी देना शुरू नहीं किया गया है. संभावना है कि जलस्तर 1925 फीट पार करने के बाद ही बिजली उत्पादन के लिए विचार किया जा सकता है. राजधानी के लोगों को इसी डैम से पेयजल के लिए पानी दिया जाता है, इसलिए डैम में अपेक्षित पानी रहने पर ही सिकिदिरी को बिजली उत्पादन के लिए पानी दिया जाता है.
परियोजना प्रबंधक बसीर अंसारी का कहना है कि वार्षिक मरम्मत के बाद परियोजना की दोनों यूनिट बिजली उत्पादन के लिए तैयार है. डैम से पानी मिलते ही उत्पादन शुरू कर दिया जायेगा, तब तक लिकेज पानी स्टॉक किया जा रहा है. अपेक्षित पानी होने पर लिकेज पानी से भी बिजली उत्पादन किया जायेगा.
130 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता : सिकिदिरी परियोजना में 65-65 मेगावाट के दो पावर हाउस हैं, जो पूर्णत: बारिश पर निर्भर हैं. अच्छी बारिश होने पर गेतलसूद डैम से बिजली उत्पादन के लिए पानी दिया जाता है, जो डैम के जलस्तर पर निर्भर करता है. आमतौर पर परियोजना से जुलाई से अक्तूबर माह तक की जरूरत को देखते हुए बिजली उत्पादन किया जाता है. इसके बाद डैम के जलस्तर को देखते हुए पानी दिया जाता है अन्यथा पानी बंद कर दिया जाता है.