कॉलेजों की जमीन और प्रोन्नति के मुद्दे पर हंगामा, वीसी बोले-छोड़ दूंगा पद
विवि. सीनेट की बैठक में सदस्यों ने उठाये गंभीर मुद्दे, हाथों में पोस्टर लेकर जताया विरोध कॉलेजों की जमीन का विवाद हल करने में विधायक नवीन जायसवाल, गंगोत्री कुजूर व रामकुमार पाहन करेंगे मदद जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा विभाग में शिक्षकों की होगी नियुक्ति , अलग नौ विभाग बनाने की जानकारी दी गयी. रांची : […]
- विवि. सीनेट की बैठक में सदस्यों ने उठाये गंभीर मुद्दे, हाथों में पोस्टर लेकर जताया विरोध
- कॉलेजों की जमीन का विवाद हल करने में विधायक नवीन जायसवाल, गंगोत्री कुजूर व रामकुमार पाहन करेंगे मदद
- जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा विभाग में शिक्षकों की होगी नियुक्ति , अलग नौ विभाग बनाने की जानकारी दी गयी.
रांची : रांची विवि में शुक्रवार को सीनेट की बैठक हंगामेदार रही. कॉलेजों के लिए जमीन अधिग्रहण, विवि की स्वायत्तता पर हमला, शिक्षकों की प्रोन्नति में विलंब तथा सीनेट की बैठक में उच्च शिक्षा सचिव व उच्च शिक्षा निदेशक के भी उपस्थित नहीं रहने को लेकर हंगामा हुआ.
सदस्यों के रवैये से कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय नाराज हो गये. उन्होंने यहां तक कह दिया कि वे विवि के शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों के लिए रात-दिन कार्य कर रहे हैं. इसके बाद भी उन पर गलत आरोप लगाये जा रहे हैं. कुलपति ने सीनेट की बैठक में ही पद त्याग देने की बात कह डाली. उन्हें बाद में सदस्यों ने समझाया.
पोस्टर लेकर सदस्यों ने किया हंगामा : सीनेट की बैठक 11 बज कर 10 मिनट पर शुरू हुई अौर जैसे ही कुलपति ने अपना अभिभाषण शुरू किया कि कई सदस्य हाथों में पोस्टर लेकर सदन के बीच में आ गये अौर हंगामा शुरू कर दिया. सदस्य याल्वलक्य शुक्ल, शशांक राज, अटल पांडेय, डॉ महाराज सिंह, डॉ पंपा सेन, अर्जुन राम आदि ने सीनेट की बैठक में उच्च शिक्षा सचिव और उच्च शिक्षा निदेशक के उपस्थित नहीं रहने पर हंगामा शुरू कर दिया.
सदस्य विवि की स्वायत्तता पर हमला और सरकार द्वारा रिमोट से विवि चलाने का आरोप लगा रहे थे. साथ ही विवि की गरिमा बरकरार रखने और सचिव व निदेशक के कभी नहीं आने पर उन्हें सदस्य से हटाने आदि की मांग कर रहे थे.
इस दौरान कुलपति ने कई बार सदस्यों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन सभी सदस्य वहीं पर बैठ गये. कुलपति ने सदस्यों को बताया कि विवि एक्ट से चलता है. बाद में 11 बज कर 20 मिनट पर सभी सदस्य उठे और अपनी-अपनी सीट पर बैठ गये. कुलपति के अभिभाषण के बाद 11 बज कर 45 मिनट पर कार्रवाई आरंभ हुई. संचालन रजिस्ट्रार कर रहे थे.
पेंशन के लिए समय पर कागजात
जमा करें : सीनेट की बैठक में डॉ आरपी गोप ने पेंशन का मुद्दा उठाया. उन्होंने अल्पसंख्यक कॉलेजों में पेंशन लागू करने व राशि उपलब्ध कराने की बात कही. कुलपति ने स्पष्ट किया कि सरकार से राशि और दिशा-निर्देश मिलते ही कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी. इसमें समय पर पेंशन नहीं मिलने की बात उठी. कुलपति ने कहा कि शिक्षक व कर्मचारी की ओर से सेवानिवृत्ति से 15 दिन पूर्व विवि द्वारा वांछित कागजात उपलब्ध करा देने से विवि सेवानिवृत्ति के ही दिन देय राशि का भुगतान कर देगा.
वीमेंस कॉलेज की जमीन पर मॉल बनाने का विरोध
सीनेट में सदस्यों ने एक बार फिर आरएलएसवाइ कॉलेज के लिए जमीन अधिग्रहण का मामला उठाया. सदस्यों ने कहा कि विवि की लापरवाही से ही राम लखन सिंह यादव कॉलेज, सूरज सिंह मेमोरियल कॉलेज, जेएन कॉलेज धुर्वा, बीएन जलान कॉलेज सिसई और केसीबी कॉलेज बेड़ो का मामला नहीं सुलझ रहा है.
सदस्य रांची वीमेंस कॉलेज के हॉस्टल की जमीन पर मॉल बनाने का विरोध कर रहे थे. सदस्यों का कहना था कि इस मामले में पूर्व के अधिकारी दोषी हैं और उन पर प्राथमिकी दर्ज करायी जाये. इस दौरान काफी हो-हंगामा होता रहा. हंगामे के बीच ही कुलपति ने स्पष्ट किया कि राम लखन सिंह यादव कॉलेज का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. महाधिवक्ता ने भी इस मुद्दे पर राय दी है.
जमीन मामला सलटाने के लिए पूर्व कुलपति डॉ केके नाग, पूर्व विधायक रामचंद्र नायक, विधायक नवीन जायसवाल और राम कुमार पाहन ने सकारात्मक कदम उठाने का आग्रह किया. विवि के अधिवक्ता अनूप कुमार मेहता और वीमेंस कॉलेज की प्राचार्या डॉ मंजू सिन्हा ने भी स्थिति स्पष्ट की.सहमति बनी कि विधायक नवीन जायसवाल, गंगोत्री कुजूर और राम कुमार पाहन जमीन मामले में वार्ता कर सहयोग करेंगे.
आजसू का मांगों को लेकर प्रदर्शन
रांची. सीनेट की बैठक के दौरान आजसू के कई सदस्यों ने शु्क्रवार को अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया. सदस्य रांची विवि को केंद्रीय विवि का दर्जा दिलाने की मांग कर रहे थे. आजसू के सदस्यों ने इस बाबत कुलपति को गुलाब फूल भी सौंपा.
शिक्षकों की प्रोन्नति का मामला उठा
मौके पर डॉ श्रवण कुमार सिंह, डॉ आरपी गोप आदि ने शिक्षकों की प्रोन्नति और अल्पसंख्यक कॉलेजों में पेंशन आदि का मामला उठाया. सदस्यों ने इस पर भी काफी हंगामा किया. कुलपति ने कहा कि वे प्रतिदिन 10 से 20 शिक्षकों की प्रोन्नति की संचिका पर हस्ताक्षर कर जेपीएससी भेज रहे हैं. इसके बावजूद उन पर गलत आरोप लग रहे हैं.
बैठक में सिलेबस में विवादास्पद विषयों को शामिल नहीं करने पर कुलपति ने सदन को आश्वस्त किया. जन जातीय व क्षेत्रीय भाषा विभाग में शिक्षकों की नियुक्ति के साथ अलग नौ विभाग बनाने की जानकारी दी गयी. सिंडिकेट सदस्य बुद्धू उरांव का नामांकन पत्र रद्द करने पर सदस्यों ने हंगामा किया, लेकिन कुलपति ने एक नहीं सुनी. बैठक में छात्रों की समस्याअों को सुलझाने का आश्वासन दिया गया.