रांची : हजारीबाग में 14 जुलाई को पोस्टल/आरएमएस पेंशनर्स एसोसिएशन की दूसरी स्टेट कॉन्फ्रेंस हुई. इसमें पेंशन के निजीकरण की आशंका पर चिंता जतायी गयी. एसोसिएशन के राज्य सचिव एमजे खान ने कहा कि पेंशन पर निजीकरण के खतरे को देखते हुए झारखंड के 5,000 से अधिक पोस्टल पेंशनर्स/फैमिली पेंशनर्स को संगठित एवं जागरूक होने की जरूरत है. कहा कि स्टेट कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वे पेंशनर्स तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं.
मुख्य अतिथि झारखंड के डाक निदेशक सत्यकाम ने कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया. झारखंड के उप डाक निदेशक (लेखा) बतौर विशिष्ट अथिति कार्यक्रम में मौजूद थे. हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल ने एसोसिएशन की मांगों का समर्थन किया है.
कॉन्फ्रेंस में पेंशनर्स से संबंधित मुद्दों विशेषकर पेंशन भुगतान में विलंब, मेडिकल सुविधाएं, पोस्टमेन/मेल गार्ड को 1.1.1996 से बढ़े हुए वेतन के एरियर का भुगतान, पेंशन मंत्रालय के आदेश (दिनांक 1.1.2019) के आलोक में 1.1.2006 से एचएसजी 1/पोस्टमास्टर के पेंशनर्स का पेंशन का पुनर्निर्धारण, निदेशालय द्वारा प्राप्त आदेशों का अनुपालन, पेंशनर्स के आइडी कार्ड समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई.
कॉन्फ्रेंस में जमशेदपुर से 4, पलामू से 3, गिरिडीह से 2, धनबाद से 6, गोमो से 4, बोकारो से 2, दुमका से 2, गुमला से 2 प्रतिनिधि के अलावा हजारीबाग के 5 प्रतिनिधि शामिल हुए.