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रांची : बालेसार के रेंजर पर कार्रवाई से किया इनकार

मनोज सिंह पीसीसीएफ ने कहा, उग्रवाद वाले क्षेत्र में विवशता का रखना होगा ध्यान चुनाव के दौरान रेंजर के पास से पकड़े गये थे 11.50 लाख रुपये नकद रांची : वन विभाग के पलामू जिले के बालेसार के रेंजर तरुण कुमार सिंह पर विभागीय कार्रवाई से प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) पीके वर्मा ने […]

मनोज सिंह
पीसीसीएफ ने कहा, उग्रवाद वाले क्षेत्र में विवशता का रखना होगा ध्यान
चुनाव के दौरान रेंजर के
पास से पकड़े गये थे 11.50 लाख रुपये नकद
रांची : वन विभाग के पलामू जिले के बालेसार के रेंजर तरुण कुमार सिंह पर विभागीय कार्रवाई से प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) पीके वर्मा ने इनकार कर दिया है. कार्रवाई करने की अनुशंसा उप निदेशक पलामू टाइगर प्रोजेक्ट ने की थी.
श्री वर्मा ने श्री सिंह द्वारा चुनाव आचार संहिता के दौरान सरकारी राशि लेकर चलने को लेकर उठाये गये उप निदेशक के सवालों को खारिज कर दिया है. श्री वर्मा ने टिप्पणी में लिखा है कि उग्रवाद प्रभावित इलाकों में सरकार के हर निर्देश का पालन आधारभूत संरचना की कमी के कारण संभव नहीं है. ऐसे आदेशों और निर्देशों का विशिष्ट क्षेत्र में ध्यान में रखना विवशता है अन्यथा स्थापना को ही बंद कर दिया जायेगा. श्री वर्मा ने उप निदेशक के निर्णय को अनुभवहीनता में लिया गया कहा है.
दरअसल उप निदेशक ने रेंजर द्वारा नकद राशि लेकर जाने के मामले में कई सवाल उठाये थे. रेंजर पर पूर्व में भी नकद राशि निकालने की बात अपने पत्र में कही है. मालूम हो कि रेंजर को मनिका, लातेहार में वाहन चेकिंग के दौरान जिला प्रशासन की उड़नदस्ता टीम ने 18 मार्च 2019 को पकड़ लिया था. इनके पास से 11.50 लाख रुपये नकद पकड़े गये थे. जांच के बाद जिला प्रशासन ने छोड़ दिया था.
कार्रवाई का आग्रह वरीय पदाधिकारियों से किया गया : पलामू ब्याघ्र परियोजना के उप निदेशक ने मुख्य वन संरक्षक व क्षेत्र निदेशक वाइके दास के माध्यम से तरुण कुमार सिंह पर विभागीय कार्रवाई चलाने की अनुशंसा की थी.
इससे पूर्व उप निदेशक ने मामले की जांच करायी थी. इसमें निजी वाहन से बिना सुरक्षा राशि लेकर जाने पर सवाल उठाया था. इसमें कहा था कि श्री सिंह उच्चाधिकारियों के आदेशों को दर किनार करते हुए 2018-19 में करीब 75 लाख रुपये नकद निकाल चुके हैं.
यह वित्तीय नियमों का उल्लंघन है. श्री दास ने 21 फरवरी 2019 को बैठक में निर्देश दिया था कि सरकारी आदेश का पालन होना चाहिए. इसमें वन क्षेत्र पदाधिकारियों ने मजदूरी और सामग्री भुगतान कैशलेस करने से होनेवाली परेशानी का मुद्दा उठाया था. इसके बावजूद श्री दास ने सरकारी प्रावधानों के अनुरूप ही भुगतान का निर्देश दिया था.
76 की जगह 101 किलोमीटर दूरी तय करने का दावा
पूछताछ में रेंजर ने बताया था कि वह बालेसार डाकघर में पैसा जमा करने के लिए ले जा रहे थे. मनिका के रास्ते बालेसार की दूरी 101 किलोमीटर है. जबकि डालटनगंज से दूरी मात्र 76 किलोमीटर है. जांच के क्रम में लिखा गया है कि रेंजर का यह तर्क सही नहीं है कि जो रास्ता चुना था, वह उग्रवादियों से बचने के लिए था. जबकि मनिका होकर बालेसार का रास्ता घोर उग्रवाद प्रभावित वाला है. यह रास्ता सरयू होकर जाता है.

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