कुरान मामलाः ऋचा को जेल भेजने के मामले में कई पुलिस अफसरों पर ”संकट”, मदद को आगे आये सुब्रमण्यम स्वामी

ऋचा प्रकरण में रांची के पिठोरिया थानेदार सहित कई पुलिस अफसरों को हटाया जा सकता है. इस संबंध में राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी गयी है. रिपोर्ट में ग्रामीण एसपी आशुतोष शेखर, एएसपी अमित रेणु और पिठोरिया थाना प्रभारी विनोद राम द्वारा शाम सात बजे के बाद बिना किसी महिला पुलिस अधिकारी के ऋचा को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2019 8:00 AM
ऋचा प्रकरण में रांची के पिठोरिया थानेदार सहित कई पुलिस अफसरों को हटाया जा सकता है. इस संबंध में राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी गयी है. रिपोर्ट में ग्रामीण एसपी आशुतोष शेखर, एएसपी अमित रेणु और पिठोरिया थाना प्रभारी विनोद राम द्वारा शाम सात बजे के बाद बिना किसी महिला पुलिस अधिकारी के ऋचा को गिरफ्तार कर जेल भेजने पर सवाल उठाया गया है. कहा गया है कि पुलिस अफसरों के इस कृत्य से हिंदू संगठनों में सरकार के खिलाफ रोष है.
मदद को आगे आये स्वामी
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा है कि ऋचा पटेल इस मामले को लेकर इश भंडारी से संपर्क कर सकती है. भंडारी इस तरह के मामले के जानकार हैं. वह भी उसकी कोर्ट में मदद करेंगे. कुरान की प्रति बांटने का मतलब है, एक ऐसे गुट की विचारधारा के साथ सहमत होना, जो काफिर और इसके परिणाम की बात करते हैं. स्वामी ने लिखा है कि ऋचा दूसरों के धर्म ग्रंथ को नहीं बांट सकती.
बार ने दिया था अल्टीमेटम
जिला बार एसोसिएशन ने बुधवार को प्रधान न्यायायुक्त से मिलकर अल्टीमेटम दिया था कि इस मामले में यथोचित कार्रवाई की जाये. एसोसिएशन ने जज मनीष कुमार सिंह के तबादले की मांग करते हुए 17 और 18 जुलाई को उनके कोर्ट का बहिष्कार करने की भी बात कही थी. प्रधान न्यायायुक्त से मिलने वालों में महासचिव कुंदन प्रकाशन सहित अन्य शामिल थे. कोर्ट के संशोधित फैसले के बाद कुंदन प्रकाशन ने कहा कि 18 जुलाई को नये बार भवन में बैठक होगी.
मॉब लिंचिंग : पुलिस की कार्यशैली से हाइकोर्ट नाराज
झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को मॉब लिंचिंग मामले में जनहित दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस की कार्यशैली पर नाराजगी जतायी. जस्टिस एचसी मिश्र व जस्टिस दीपक राैशन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पांच जुलाई की रात मेन रोड में चाकूबाजी की घटना हुई थी. इस मामले में क्यों रिपोर्ट दायर नहीं की गयी. सरकार के शपथ पत्र में मेन रोड की घटना पर क्या कार्रवाई की गयी है, उसका जिक्र तक नहीं किया गया है.

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