ऋचा प्रकरण : कोर्ट ने कुरान बांटने का आदेश लिया वापस, अधिवक्ताओं ने ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के कोर्ट का किया बहिष्कार

रांची : ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट मनीष कुमार सिंह की अदालत ने ऋचा पटेल उर्फ ऋचा भारती की जमानत से पांच कुरान बांटने की शर्त बुधवार को हटा ली है. मामले की सुनवाई के दौरान केस के आइओ विनोद राम ने सहायक लोक अभियोजक मीनाक्षी कंडुलना के माध्यम से इससे संबंधित आवेदन सौंपा था. जिसमें कुरान बांटने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2019 8:06 AM
रांची : ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट मनीष कुमार सिंह की अदालत ने ऋचा पटेल उर्फ ऋचा भारती की जमानत से पांच कुरान बांटने की शर्त बुधवार को हटा ली है. मामले की सुनवाई के दौरान केस के आइओ विनोद राम ने सहायक लोक अभियोजक मीनाक्षी कंडुलना के माध्यम से इससे संबंधित आवेदन सौंपा था. जिसमें कुरान बांटने वाली शर्त को अमल में लाने में कठिनाई बताते हुए इसमें सुधार करने की बात कही थी. इसके बाद एपीपी मीनाक्षी कंडुलना ने भी शर्त में संशोधन करने का अनुरोध किया.
आइओ के आवेदन अौर एपीपी के अनुरोध पर अदालत ने 15 जुलाई के अपने आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए पांच कुरान बांटने की शर्त हटा ली. जबकि जमानत आदेश की शेष सभी शर्तें पूर्ववत रहेंगी.
ऋचा के खिलाफ अभद्र टिप्पणी पर प्राथमिकी : ऋचा पटेल के खिलाफ फेसबुक पर अभद्र टिप्पणी किये जाने को लेकर हिंदू क्रांति सेना के रवि रंजन, विक्रम सिंह, पंकज सिंह सहित पांच लोगों ने बुधवार को पिठोरिया थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसमें अबु आजमी वसीम खान को नामजद करते हुए शीघ्र कार्रवाई की मांग की गयी है.
पिठोरिया के थानेदार पर हो कार्रवाई : इधर बुधवार को ऋचा पटेल ने राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि सूर्यास्त के बाद बिना वारंट के पुलिस ऋचा को उसके घर से गिरफ्तार कर रात नौ बजे जेल भेज देती है. थाना इंचार्ज दोनों पार्टी को समझा-बुझाकर मामले को सलटा सकते थे.
ऋचा को जेल भेजना कहीं से भी जायज नहीं था. ऐसे अफसर को थाना संभालने से पहले अच्छी तरह से कानून पढ़कर आना चाहिए. इस प्रकरण में जो भी हुआ है, उसके लिए थाना प्रभारी जिम्मेदार हैं और ऐसे अफसर पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए.
क्या था मामला : पिठौरिया की छात्रा ऋचा पटेल ने सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट किया था. इसे लेकर अंजुमन कमेटी के सदर मंसूर खलीफा ने पिठौरिया थाना में 12 जुलाई को मामला दर्ज कराया था. उसी दिन शाम को पुलिस ने ऋचा को गिरफ्तार कर रात में जेल भेज दिया था.
15 जुलाई को ऋचा को जमानत मिली थी, पर उसमें शर्त थी कि उसे कुरान की पांच प्रतियां वितरित करनी होंगी.
उसकी एक प्रति शिकायतकर्ता को अौर शेष प्रति शिक्षण संस्थानों में बांटनी होगी. 16 जुलाई को जेल से बाहर आने के बाद ऋचा ने कहा था कि वह कुरान नहीं बांटेगी अौर जमानत की शर्त के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेगी.

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