#SonbhadraMassacre : आदिवासी मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा सोशल मीडिया पर क्यों हुए ट्रोल
रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा शनिवार को सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गये. अर्जुन मुंडा ने समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में सोनभद्र में आदिवासी परिवार के 10 लोगों की हत्या को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. साथ ही उम्मीद जतायी कि उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले […]
रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा शनिवार को सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गये. अर्जुन मुंडा ने समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में सोनभद्र में आदिवासी परिवार के 10 लोगों की हत्या को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. साथ ही उम्मीद जतायी कि उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर दोषियों को सजा दिलायेगी. ANI ने श्री मुंडा की तस्वीर के साथ इस आशय का समाचार ट्वीट किया.
Arjun Munda,Union Minister of Tribal Affairs on the firing incident in Sonbhadra(UP)that claimed 10 lives:The incident is unfortunate. As per the information I have received, state govt is taking action. I think state govt will do unbiased investigation&culprits will be punished. pic.twitter.com/z4gUtNptaR
— ANI (@ANI) July 20, 2019
इसके बाद ट्विटर पर लोगों ने श्री मुंडा को ट्रोल कर दिया. विक्ट्री वॉक्स के नाम से ट्विटर हैंडल चलाने वाले व्यक्ति ने लिखा, ‘अर्जुन मुंडा शर्म करो.’ ट्वीट करने वाले शख्स ने ट्विटर पर अपना परिचय एक भारतीय-आदिवासी-ईसाई के रूप में दिया है. उसने खुद को वाचडॉग और एपोलॉजिस्ट भी बताया है.
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खुद को जवाहर लाल नेहरू का प्रशंसक बताने वाले दिवेश कुमार ने ANI के ट्विटर हैंडल पर जारी अर्जुन मुंडा के बयान पर उनकी आलोचना करते हुए लिखा, ‘राज्य सरकार ने पहले ही कार्रवाई कर दी है. उन्होंने तय किया है कि लोगों के गुस्से के मद्देनजर वे चुप रहेंगे.’ वहीं, सुनील नामक एक व्यक्ति ने श्री मुंडा के बयान को बकवास करार दिया.
भारत के संविधान में आस्था रखने वाले और बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के अनुयायी राणा पांजा भील ने आदिवासी मामलों के मंत्री को खूब खरी-खोटी सुनायी. भील ने लिखा, ‘अर्जुन मुंडा, आप पर हमें शर्म आती है. जिस वक्त आपको नरसंहार में मारे गये आदिवासियों के पास होना चाहिए था, उनके न्याय के लिए लड़ना चाहिए था, आप बस कोरी निंदा कर रहे हैं.’
उसने आगे लिखा, ‘शर्म आती है आप जैसों को आदिवासी नेता बोलने में. रिजर्व (आरक्षित) सीट से जीतकर गुलामी ही करनी थी, तो क्यों इलेक्शन लड़े.’