रांची : एसीपी का लाभ देने पर 29 करोड़ का आर्थिक बोझ पड़ेगा

रांची : राज्य के विश्वविद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों को एसीपी और एमएसीपी का लाभ देने पर राज्य सरकार का लगभग 29 करोड़ सालाना खर्च होने का अनुमान है. कुलाधिपति के निर्देश व राज्य सरकार के निर्णय के बाद विविकर्मियों को एसीपी व एमएसीपी का लाभ दिया जाना है. इसके लिए विवि स्तर पर कार्रवाई शुरू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2019 9:25 AM
रांची : राज्य के विश्वविद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों को एसीपी और एमएसीपी का लाभ देने पर राज्य सरकार का लगभग 29 करोड़ सालाना खर्च होने का अनुमान है. कुलाधिपति के निर्देश व राज्य सरकार के निर्णय के बाद विविकर्मियों को एसीपी व एमएसीपी का लाभ दिया जाना है. इसके लिए विवि स्तर पर कार्रवाई शुरू की गयी है. उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा सभी विवि को फॉर्मेट उपलब्ध कराया गया है.
इसी फॉर्मेट के आधार पर प्रत्येक कर्मचारी की जानकारी इकट्ठी कर सरकार से राशि की मांग की जायेगी. एसीपी व एमएसीपी का लाभ उन्हें ही मिल सकेगा, जिन्हें अब तक कोई प्रोन्नति नहीं मिली है. रांची विवि में कर्मचारियों को इसका लाभ देने पर लगभग साढ़े नौ करोड़ रुपये सलाना खर्च की उम्मीद है.
वहीं विनोबा भावे विवि में लगभग नौ करोड़ रुपये सालाना, नीलांबर-पितांबर विवि में लगभग एक करोड़, विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विवि में लगभग एक करोड़, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि में लगभग एक करोड़ रुपये, कोल्हान विवि में लगभग साढ़े चार करोड़ और सिदो-कान्हू मुर्मू विवि में लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान रखा गया है. विवि प्रशासन द्वारा इसके लिए 1980 से अब तक प्रोन्नति प्राप्त करनेवाले व प्रोन्नति प्राप्त नहीं करने वाले कर्मचारियों की सूची तैयारी की जा रही है.

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