रांची : प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 1.31 लाख योजनाओं को अब तक स्वीकृति नहीं दी गयी है. चालू वित्तीय वर्ष में 422125 आवास का निर्माण कराना है. विभागीय सचिव ने इसके लिए आठ जिलों बोकारो, पलामू, हजारीबाग, रांची, गोड्डा, लोहरदगा, जामताड़ा और कोडरमा के जिला समन्वयक को निर्देश दिया है कि वे तत्काल आवासों को स्वीकृति दें. यह पाया गया है कि इन जिलों में स्वीकृति देने की स्थिति सबसे खराब है.
ऐसे में इस दिशा में तत्काल कार्रवाई करने को कहा गया है. साथ ही जिला समन्वयकों से स्पष्टीकरण की मांग की गयी है. उनसे कहा गया है कि वह तत्काल स्थिति स्पष्ट करें, अन्यथा यह समझा जायेगा कि उन्हें इस संबंध में कुछ नहीं कहना है और उनके मामले में एकतरफा कार्रवाई कर दी जायेगी. विभाग ने उनकी संविदा समाप्त करने की भी चेतावनी दी है.
जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में विभाग ने पहले ही तेजी से काम करने का निर्देश दिया था. पुरानी योजनाओं को भी जल्द से जल्द पूरा कराने का निर्देश दिया गया है. इस पर विभाग का पूरी तरह से फोकस है. अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में जितनी भी योजनाएं ली गयी हैं, उसे जल्द शुरू कराने की जरूरत है, ताकि लक्ष्य हासिल हो सके.
रांची. ग्रामीण विकास मंत्री ने विभाग के क्रियाकलापों को लेकर एक साल की रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है. विभागीय सचिव से कहा गया है कि विभाग से संबंधित सारी योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति पर रिपोर्ट तैयार की जाये. मनरेगा, जलछाजन, झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी, राज्य संपोषित योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सेतू योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना सहित अन्य सभी महत्वपूर्ण योजनाओं को लेकर रिपोर्ट बनाने को कहा गया है. खासकर कोविड-19 के दौरान विभाग द्वारा जनहित में जो काम किये गये.
हैं और महत्वपूर्ण योजनाएं चलायी गयी हैं, इस पर भी विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया है. जानकारी के मुताबिक सरकार का एक साल का कार्यकाल दिसंबर में पूरा होगा. ऐसे में एक साल का लेखा- जोखा तैयार कराया जा रहा है.
रांची. ग्रामीण विकास विभाग की रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर योजना सहित अन्य योजनाओं में ठीक काम नहीं हो पाया है. वाटर हार्वेस्टिंग के साथ ही सोक पीट और कंपोस्ट पीट की योजना में जिले काफी पीछे हैं. इस पर विभागीय अधिकारियों ने नाराजगी जतायी है तथा समय से काम पूरा करने को कहा है. वहीं सभी डीडीसी से कहा गया है कि वे योजनाओं के क्रियान्वयन में खुद रुचि लें.
उधर सॉलिड एंड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट की योजनाअों में संबंधित कर्मियों का भी सहयोग लेने को कहा गया है. प्रखंड एवं ग्राम पंचायत स्तरीय कर्मियों तथा पदाधिकारियों एवं मुखिया को भी इसके लिए प्रशिक्षण देने को कहा गया है. विभाग की अोर से कहा गया है कि बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत बागवानी की योजनाओं में कंपोस्ट पीट का निर्माण कराया जाये, ताकि लाभुकों को जैविक खाद के लिए कहीं जाना ना पड़े. वैसी ग्राम पंचायतें जहां 15 वें वित्त आयोग की राशि खत्म हो गयी है, उन्हें मनरेगा की राशि खर्च कर योजना पूरी करने को कहा गया है.
धनबाद 5%
दुमका 5%
प सिंहभूम 5%
चतरा 7%
सरायकेला 7%
कंपोस्ट पीट
दुमका 1%
सरायकेला 3%
देवघर 3%
गुमला 4%
बोकारो 4%
वाटर हार्वेस्टिंग
दुमका 8%
गढ़वा 11%
साहिबगंज 16%
सरायकेला 18%
पलामू 18%
posted by : sameer oraon