रांची : मानव तस्करी कर पन्ना लाल ने दिल्ली और अन्य राज्यों में अर्जित की संपत्ति
पन्ना लाल के स्वीकारोक्ति बयान से हुआ खुलासा मानव तस्करी के आरोप में पन्नालाल पर एक और केस रांची : मानव तस्कर पन्ना लाल ने प्लेसमेंट एजेंसी के जरिये लड़कियों को बेच कर दिल्ली और अन्य राज्यों में संपत्ति अर्जित की है. इस बात का खुलासा खूंटी पुलिस द्वारा पन्नालाल की गिरफ्तारी के बाद उससे […]
पन्ना लाल के स्वीकारोक्ति बयान से हुआ खुलासा
मानव तस्करी के आरोप में पन्नालाल पर एक और केस
रांची : मानव तस्कर पन्ना लाल ने प्लेसमेंट एजेंसी के जरिये लड़कियों को बेच कर दिल्ली और अन्य राज्यों में संपत्ति अर्जित की है. इस बात का खुलासा खूंटी पुलिस द्वारा पन्नालाल की गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ के आधार पर हुआ है.
स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर पुलिस ने उसके खिलाफ एक और नया केस खूंटी एसटीयू थाना में दर्ज किया है. जांच में क्रम में पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि मुरहू थाना क्षेत्र निवासी एक लड़की को पन्नालाल 15 साल पहले दिल्ली काम कराने ले गया था. लेकिन वह अब तक नहीं लौटी है.
पन्नालाल ने एक युवती के जम्मू स्थित एक कर्नल के घर पर काम किये जाने की जानकारी दी है. पुलिस ने पन्नालाल से पूछताछ के आधार पर दर्ज प्राथमिकी में इस बात का भी उल्लेख किया है कि लड़कियों को बेचकर पन्ना लाल ने अर्जित धन का निवेश जमीन खरीदने और दूसरे कार्यों में किया है. गिरफ्तारी के बाद पन्ना लाल के पास से बरामद मानव तस्करी की शिकार लड़कियों के नाम और पते, प्लेसमेंट एजेंसी के हिसाब- किताब का ब्योरा, चेक बुक का भी पुलिस सत्यापन कर रही है.
मानव तस्करी के आरोपी को कोर्ट ने किया बरी
रांची. एजेसी एसके शशि की अदालत ने मानव तस्करी के मामले में आरोपी नासे अंसारी को बरी कर दिया. नासे अंसारी को 17 जनवरी 2017 को गिरफ्तार किया गया था.
उस पर आरोप था कि उसने बसंत बिहार रोड नंबर दो के पास रहनेवाली एक नाबालिग लड़की को दिल्ली ले जाकर बेच दिया था. यह घटना वर्ष 2013 में दशहरा के समय घटी थी. नाबालिग लड़की का सौदा 25 हजार रुपये में किया गया था. नाबालिग की मां के बयान पर अरगोड़ा थाना में नौ जनवरी 2014 को मामला दर्ज किया गया था. इसमें पिंकी परवीन, पुष्पा देवी अौर एमन अंसारी भी आरोपी थे. तीनों को 29 मई 2017 को रिहा किया गया था.
मानव तस्कर की रिम्स में इलाज के दौरान हुई मौत
रांची. मानव तस्करी, दुष्कर्म एवं अपहरण सहित अन्य मामलों में सजा काट रहे सुशील खाखा की मौत रिम्स में इलाज के दौरान हो गयी. वह बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार में फरवरी, 2019 से बंद था.
वह सिमडेगा जिला के कुरडेग थाना क्षेत्र के नवापाड़ा गांव का रहनेवाला था. वर्ष 2016 में उक्त आरोपों का दोषी पाकर उसे सजा सुनायी गयी थी. उसे सिमडेगा जेल से बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार लाया गया था. सोमवार को तबियत खराब होने पर उसे इलाज के लिए रिम्स लाया गया, जहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गयी.