सुखाड़ के मुद्दे पर कृषि मंत्री ने की घोषणा,15 तक स्थिति देखेगी सरकार, फिर लेंगे निर्णय

रांची : सरकार 15 अगस्त तक वर्षा की स्थिति का आकलन करेगी़ इसके बाद सुखाड़ को लेकर राहत कार्य चलायेगी़ शुक्रवार को कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से सूखा का मामला उठाया़ इस सवाल के जवाब में कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कहा कि मॉनसून एकबार फिर देर से पहुंचा है़ कई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2019 1:54 AM

रांची : सरकार 15 अगस्त तक वर्षा की स्थिति का आकलन करेगी़ इसके बाद सुखाड़ को लेकर राहत कार्य चलायेगी़ शुक्रवार को कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से सूखा का मामला उठाया़ इस सवाल के जवाब में कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कहा कि मॉनसून एकबार फिर देर से पहुंचा है़ कई जिलों में औसत से कम बारिश हुई है़ स्थिति गंभीर है और सरकार भी नजर रख रही है़

किसानों को वैकल्पिक खेती के लिए बीज उपलब्ध कराये जा रहे है़ं दहलन जैसे अरहर, मूंग, मसूर के लिए 100 प्रतिशत अनुदान पर बीज दिये जा रहे है़ं किसानों को बीमा की राशि भी दी जा रही है़ मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना के तहत 14 लाख किसानों को राशि देने के लिए डाटा तैयार किया गया है़ कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम का कहना था कि किसी भी जिले में बीज नहीं गया है़ कृषि बीमा का पैसा पहले से बकाया है़
स्पीकर दिनेश उरांव ने कहा कि मंत्री जी कह रहे हैं कि बीज जिले में भिजवाये जा रहे है़ं इरफान अंसारी ने कहा कि मंत्री बड़ी-बड़ी बातें करते है़ं किसान बेहाल है़ं वैकल्पिक खेती की कोई तैयारी नहीं है़ मंत्री ने कहा कि राजनीति मत कीजिए़ केवल मीडिया मेें फोटो खिंचवाने का काम करते है़ं
स्पीकर ने ली चुकी : इसी बीच स्पीकर ने चुटकी लेते हुए कहा कि इरफान जी व्हाट्सएप लायक तो हो गया, बैठ जाइये. इधर रणधीर सिंह और इरफान अंसारी के बीच विवाद बढ़ता देख स्पीकर ने दोनों को बैठने के लिए कहा़ उन्होंने भी चुटकी लेते हुए कहा कि इरफान जी आपका तो व्हाट्सएप के लायक हो ही गया़ अब उस पर ही चलाइये़ हो गया अब बैठ जाइये़ इस पर सदन के अंदर विधायकों के ठहाके लगे़ विधायकों का कहना था कि खूब व्हाट्सएप-व्हाट्सएप करते हैं इरफान जी़
कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने उठाया था सुखाड़ का मुद्दा
किसानों को वैकल्पिक खेती के लिए बीज उपलब्ध कराये जा रहे हैं
दहलन के लिए किसानों को 100 प्रतिशत अनुदान पर बीज दिये जा रहे हैं

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