कांटाटोली फ्लाइओवर की लागत 65 करोड़ रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव
रांची : झारखंड अर्बन इंफ्रास्ट्रक्टर डेवलपमेंट कंपनी (जुडको) ने कांटाटोली फ्लाइओवर का एस्टिमेट बढ़ाने और मोदी प्रोजेक्ट्स को ही इससे जुड़े नये काम देने की कवायद शुरू कर दी है. इस सिलसिले में जुडको के प्रोजेक्ट डायरेक्टर टेक्निकल राजीव कुमार वासुदेव ने सरकार को प्रस्ताव भेजा है. प्रस्ताव में कहा गया है कि फ्लाइओवर की […]
रांची : झारखंड अर्बन इंफ्रास्ट्रक्टर डेवलपमेंट कंपनी (जुडको) ने कांटाटोली फ्लाइओवर का एस्टिमेट बढ़ाने और मोदी प्रोजेक्ट्स को ही इससे जुड़े नये काम देने की कवायद शुरू कर दी है. इस सिलसिले में जुडको के प्रोजेक्ट डायरेक्टर टेक्निकल राजीव कुमार वासुदेव ने सरकार को प्रस्ताव भेजा है. प्रस्ताव में कहा गया है कि फ्लाइओवर की मूल लागत 192.18 करोड़ रुपये आंकी गयी थी. इतनी ही राशि के लिए प्रशासनिक स्वीकृति मिली थी. इसका रिवाइज्ड एस्टिमेट 257. 49 करोड़ रुपये का तैयार हुआ है.
पथ निर्माण विभाग के सेंट्रल डिजाइन आर्गनाइजेशन (सीडीओ) ने इस रिवाइज्ड एस्टिमेट को तकनीकी स्वीकृति दे दी है. रिवाइज्ड एस्टिमेट पर प्रशासनिक स्वीकृति जरूरी है. फ्लाइओवर के निर्माण के दौरान पाइल कैप, पायर कैप, वर्टिकल प्रोफाइल आदि में बदलाव की जरूरत है. पूर्व कंसल्टेंट द्वारा माइनर ब्रिज के निर्माण से संबंधित जीएफसी ड्राइंग, दो कलवर्ट का ड्राइंग उपलब्ध कराया गया है. नागरिकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पक्की सड़क बनाना भी जरूरी है. इस कार्यों की वजह से परियोजना की लागत में वृद्धि हुई है.
प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने कैबिनेट की सहमति लेने को कहा
प्रोजेक्ट डायरेक्टर की ओर से भेजे गये प्रस्ताव में कहा गया है कि रिवाइज्ड एस्टिमेट में दिखाये गये नये काम फ्लाइओवर योजना का ही हिस्सा हैं, इसलिए परियोजना के तहत लिये गये इन नये कार्यों को मोदी प्रोजेक्ट्स को ही देना बेहतर होगा. नये कार्यों को जोड़ने पर मोदी प्रोजेक्ट्स के साथ किये गये मूल एकरारनामे की राशि में 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होगी. इस बात के मद्देनजर मोदी प्रोजेक्ट्स को नया काम देने के लिए कैबिनेट की अनुमति आवश्यक है, इसलिए विभाग इस पर कैबिनेट की सहमति ले.