अगर किसान ने आत्महत्या की है, तो बीडीओ जिम्मेदार- जांच के बाद होगी कड़ी कार्रवाई : विधायक गंगोत्री कुजूर

।।पंकज कुमार पाठक ।।चान्हो (रांची) : झारखंड की राजधानी रांची से 40 किमी की दूर चान्हो ब्लॉक के पतरातू गांव में किसान लखन महतो ने मनरेगा के तहत बनाये अपने ही कुआं में कूदकर जान दे दी. लखन पर डेढ़ लाख का कर्ज था. कर्ज ना चुका पाने के कारण लखन लगातार दबाव में थे. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2019 8:47 PM

।।पंकज कुमार पाठक ।।

चान्हो (रांची)
: झारखंड की राजधानी रांची से 40 किमी की दूर चान्हो ब्लॉक के पतरातू गांव में किसान लखन महतो ने मनरेगा के तहत बनाये अपने ही कुआं में कूदकर जान दे दी. लखन पर डेढ़ लाख का कर्ज था. कर्ज ना चुका पाने के कारण लखन लगातार दबाव में थे.

…तो बच जाती लखन की जान

लखन के घर के नजदीक रहने वाले अमरनाथ कहते हैं कि यह स्पष्ट है कि वह कर्ज की वजह से दबाव में थे. हमसे अपनी परेशानी साझा करते थे. चान्हों ब्लॉक में दीनानाथ मिश्रा सहित कई लोग धरने पर बैठे हैं. दीनानाथ ने कहा, हमारे धरने का आज सांतवां दिन है. हमारी कई मांगों में एक मांग थी मनरेगा का बकाया पैसा मिलना चाहिए.
आपने भी मनरेगा के भुगतान ना मिलने की ( प्रभात खबर) इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था लेकिन इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई. अगर हमारी मांग मान ली जाती और मनरेगा का बकाया पैसा मिल जाता था आज लखन जिंदा होते. हमें यह सोचना चाहिए कि लखन की मौत का जिम्मेदार कौन है ? लखन दो साल से कुआं खोदकर भटक रहे थे आप उनकी मानसिक स्थिति का अंदाजा लगा सकते थे. हमने जिला पदाधिकारी को पत्र लिखकर भुगतान का आग्रह किया. टीम आयी और जांच के बाद भी पैसा नहीं मिला तो हम क्या मानेंगे यह आत्महत्या है ?. संभव है कि उन्हें कई बार दुत्कार मिला होगा वह कई बार चक्कर लगाते थे.
बोला बेटा, देखता था पिता की तकलीफ
लखन ने अपने रिश्तेदारों से लगभग डेढ़ लाख रुपये कर्ज लेकर कुआं का निर्माण किया था. पैसे मनरेगा से मिलने पर देने का वादा किया था. लखन ने अपने जीजा बीरबल महतो से 30 हजार रुपये उधार लिये थे इसके अलावा भी परिवार वालों से कर्ज लेकर कुआं बनाया था. लखन पैसे ना मिलने के कारण रिश्तेदार को फोन कर कहता था कि आपका बकाया जल्द दे दूंगा पैसा आने वाला है. लखन अपने साथ अपने बड़े बेटे सूरज को साथ ले जाता था क्योंकि उसे गाड़ी चलाना नहीं आता था. सूरज ने हमसे बातचीत में कहा कि पिताजी पैसा ना मिलने का कारण परेशान रहते थे. मैं कई बार उन्हें ब्लॉक लेकर गया लेकिन पैसे नहीं मिले.
विधायक ने कहा, दोषी को मिलेगी सजा
लखन की मौत के बाद विधायक गंगोत्री कुजूर, बीडीओ संतोष कुमार और कई अधिकारी पहुंचे. परिवार वालों को भरोसा दिया. विधायक से जब हमने फेसबुक लाइव में पूछा कि इस मौत का जिम्मेदार कौन है ? इस सवाल पर उन्होंने सीधे कहा कि अगर यह आत्महत्या है, तो सीधे तौर पर बीडीओ जिम्मेदार हैं .
इस पूरे मामले की जांच होगी अगर दोषी पाये गये तो उन्हें जरूर सजा मिलेगी. मनरेगा का पैसा इतने दिनों से बकाया है इसकी जानकारी हमलोगों के पास नहीं थी. मैंने आदेश दिया है कि बुधवार तक मनरेगा का बकाया पैसा किसानों को मिल जाना चाहिए. मनरेगा के भुगतान में कमीशनखोरी के सवाल पर विधायक ने कहा, पैसा लेना गलत है लेकिन देना भी गलत है. मुझ तक कोई जानकारी नहीं पहुंची लोगों को मुझ तक आना चाहिए. सात दिनों से यह मांग थी, मैं मानसून सत्र में व्यस्त थी. हमलोग चुप नहीं बैठे हैं हमें किसानों की चिंता है. यहां कृषि ही एक मात्र साधन है. आपने देखा होगा कि हमने डीडीसी का ट्रांसफर कराया.
क्या है घर की स्थिति
लखन का मकान कच्चा है. तीन बेटे हैं बड़े बेटे की उम्र 17 साल है और वह इंटर का छात्र है. घर में पत्नी है, बुजुर्ग मां है जिनकी उम्र लगभग 80 साल की है. लखन के मां की उम्र 80 साल की उम्र है लेकिन वृद्धा पेंशन अबतक उन्हें नहीं मिलता. हमसे बातचीत में उन्होंने कहा, मुझे कोई पैसा नहीं मिलता मैंने कई बार गुहार लगायी लेकिन सुनवाई नहीं हुई. घर में लखन कमाने वाले थे उनके जाने के बाद घर कैसे चलेगा इस सवाल पर सूरज कहता है कि अब सारी जिम्मेदारी मेरे सिर पर है.
अब पढ़िये सरकारी रिपोर्ट में क्या है
चान्हो प्रखंड के पतरातू गांव में लखन महतो की मौत के बाद उपायुक्त रांची के निर्देश पर गठित दो सदस्यीय टीम ने पूरे मामले की जांच की . टीम में परियोजना निदेशक, आईटीडीए श्री अवधेश पांडेय एवं जिला कृषि पदाधिकारी श्री अशोक कुमार सिन्हा शामिल थे. टीम ने परिजनों और आसपास के लोगों से पूछताछ की एवं घटनास्थल का जायजा लिया. श्री अवधेश पांडे ने बताया कि पूछताछ के दौरान लोगों ने बताया कि लखन महतो नशापान करता था और कुएं में गिरने से पहले भी उन्होंने नशा किया था. लोगों ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि नशे की हालत में लखन कुएं में गिरा और उसकी मौत हो गयी. श्री अवधेश कुमार ने बताया कि आसपास के लोगों, परिजनों और मुखिया ने लखन पर किसी तरह का कर्ज होने और आत्महत्या करने की बात से इनकार किया.
लखन महतो के बेटे के द्वारा चान्हो थाना में मामला दर्ज कराया गया है जिसमें पिता की मौत का कारण कुएं में डूबने से होने का जिक्र है. लखन के बेटे ने एफआईआर में कहा है कि उसके पिता की मौत में किसी का दोष नहीं है. परिजनों और आसपास के लोगों से पूछताछ करने के बाद जांच टीम में शामिल श्री अवधेश पांडे ने बताया कि लखन महतो को मनरेगा के तहत 17-18 में एक कुआं मिला था. 15 दिसंबर 2017 को इससे संबंधित एग्रीमेंट हुआ था और जनवरी 2018 से उन्होंने काम शुरु किया था.
सरकारी रिपोर्ट कहती है कि लखन का मकान पक्का है, घर की आर्थिक स्थिति बुरी नहीं है. खेत में करैला और अदरक की अच्छी खेती है. घर पक्का है. घर में 30 किलोग्राम अनाज की बोरी है जो पिछले सप्ताह डीलर के यहां से उठाया गया था. लखन महतो के घर में पानी की भी अच्छी व्यवस्था है, मोटर और टंकी लगी है. जो ये बताता है कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक है.

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