रांची एचइसी ISRO के लिए बना रहा है एक और लांचिंग पैड, चंद्रयान-2 इसी के लांचिंग पैड से छोड़ा गया था
इसरो से मिला है 33 करोड़ का कार्यादेश, पहले से अधिक वजनी होगा रांची : एचइसी में इसरो के लिए एक और लांचिंग पैड बनाया जा रहा है. इसके लिए एचइसी को 33 करोड़ रुपये का कार्यादेश मिला है. इसमें चंद्रयान के आउटर रिंग और लांचिंग पैड के कुछ नये उपकरण शामिल हैं.मालूम हो कि […]
- इसरो से मिला है 33 करोड़ का कार्यादेश, पहले से अधिक वजनी होगा
रांची : एचइसी में इसरो के लिए एक और लांचिंग पैड बनाया जा रहा है. इसके लिए एचइसी को 33 करोड़ रुपये का कार्यादेश मिला है. इसमें चंद्रयान के आउटर रिंग और लांचिंग पैड के कुछ नये उपकरण शामिल हैं.मालूम हो कि एचइसी पूर्व में भी इसरो के लिए लांचिंग पैड सहित अन्य उपकरण बना चुका है. 22 जुलाई को एचइसी के ही लांचिंग पैड से चंद्रयान 2 को छोड़ा गया.
एचइसी के अधिकारी ने बताया कि इसरो के इस लांचिंग पैड का वजन पहले की अपेक्षा अधिक होगा. इसके डिजाइन में भी कुछ परिवर्तन किया गया है. डिजाइन इसरो ने उपलब्ध कराया है. उसके अनुसार ही काम शुरू किया गया है. यह कार्यादेश एचइसी के लिए गौरवशाली है. इसलिए इसके निर्माण में मुनाफे का ध्यान नहीं रखा गया है.
एचइसी के अधिकारी ने बताया कि उपकरण के निर्माण के लिए इसरो ने देश की कुछ कंपनियों से संपर्क किया था. इसमें भारत सरकार के लोक उपक्रम व कुछ निजी कंपनियां भी थीं. विदेशी कंपनियों से भी इसके लिए संपर्क किया गया था. विदेशी कंपनियां इसकी आपूर्ति में समय अधिक ले रही थीं व पैसे भी अधिक मांग रही थीं. इसके बाद इसरो ने एचइसी से संपर्क कर कार्यादेश दिया.
- डिजाइन इसरो ने उपलब्ध कराया, उसके अनुसार ही काम किया जा रहा है
- एचइसी के ही लांचिंग पैड से चंद्रयान 2 को छोड़ा गया
- एचइसी द्वारा इसरो के लिए किये गये कार्य
- उपकरण प्रक्षेपण के लिए लांचिंग पैड का निर्माण
- 400 व 200 टन क्षमता के इओटी क्रेन का निर्माण
- उपग्रह को खींचने वाले टावर क्रेन का निर्माण
- पीएसएलवी, जीएसएलवी के उपकरणों का निर्माण
- होरिजेंटल स्लाइडिंग डोर का निर्माण
- एफसीवीआरपी के उन्नत मॉडल का निर्माण