कर्ज व आर्थिक तंगी बन रही किसानों की आत्महत्या की वजह

रांची : चान्हो प्रखंड के पतरातू गांव निवासी किसान लखन महतो (40 वर्ष) ने कर्ज के दबाव में आकर शुक्रवार की देर रात कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली. रांची जिला में किसी किसान की आत्महत्या करने की यह पहली घटना नहीं है. इसके पूर्व भी पिठोरिया के दो किसान कर्ज और आर्थिक तंगी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2019 8:28 AM

रांची : चान्हो प्रखंड के पतरातू गांव निवासी किसान लखन महतो (40 वर्ष) ने कर्ज के दबाव में आकर शुक्रवार की देर रात कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली. रांची जिला में किसी किसान की आत्महत्या करने की यह पहली घटना नहीं है. इसके पूर्व भी पिठोरिया के दो किसान कर्ज और आर्थिक तंगी के दबाव में आकर आत्महत्या कर चुके हैं.

सिंचाई के लिए खुदवाया था कुआं, नहीं निकला पानी, तो दे दी जान : पिठोरिया थाना क्षेत्र के सुतियांबे गांव निवासी व किसान बलदेव महतो ने आर्थिक तंगी और कर्ज के दबाव में आकर कुएं में छलांग लगा कर 15 जून 2017 को आत्महत्या कर ली थी. उन्होंने खेती के लिए 40 हजार कर्ज लेकर कुआं खुदवाया था.
लेकिन कुआं खुदवाने के बाद उससे पानी नहीं निकला. इस वजह से वह खेत में लगी फसल की सिंचाई नहीं कर पा रहे थे. उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड से भी 25 हजार रुपये कर्ज लिया था. उनकी पत्नी अनिता देवी ने बताया था कि उनके पति कर्ज लेने के कारण तनाव में रहते थे. आर्थिक तंगी होने के कारण उनकी परेशानी और बढ़ गयी थी. तनाव में आकर उन्होंने कुएं में कूद कर जान दे दी.
कर्ज लौटाने के दबाव में रहते थे परेशान, पेड़ से लटका मिला शव : जून 2017 में ही पिठोरिया के किसान कलेश्वर महतो ने भी आत्महत्या कर ली थी. घटना के बाद यह बात सामने आयी कि कलेश्वर महतो ने खेती के लिए बैंक से कर्ज लिया था. कलेश्वर पर जहां कर्ज लौटाने का दबाव था, तो वहीं दूसरी ओर उनकी खेतों में लगी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा था. कर्ज लौटाने के दबाव के कारण वह मानसिक रूप से परेशान रहते थे. इसी परेशानी से तंग आकर उन्होंने आत्महत्या कर ली. उनका शव पेड़ से लटका मिला था.
घटना के बाद यह बात भी सामने आयी थी उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड से लोन लिया था. हालांकि कलेश्वर के मरने से पहले जब उसकी पत्नी बैंक में रुपये जमा कराने गयी थी, तब उन्हें पता चला कि उनका लोन जमा हो चुका है. लेकिन कुछ साल बाद उनके परिवार के पास एक नोटिस आया. जिसमें कर्ज और सूद समेत कुल 50 से अधिक जमा करने को कहा गया था. कलेश्वर इसी बात को लेकर परेशान रहता था.

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