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रांची : कानून के विद्यार्थी व्यावहारिक ज्ञान अर्जित करें व अपडेट रहें

रांची : झारखंड हाइकोर्ट के सेवानिवृत्त जज विक्रमादित्य प्रसाद ने कहा कि वर्तमान समय में विधिक शिक्षा स्तर में बहुआयामी बदलाव की जरूरत है. लॉ के विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान की आवश्यकता है. इन्हें पुराने मूल्यों के साथ-साथ वर्तमान न्यायिक पद्धति में हो रहे बदलाव के साथ अपडेट रहना होगा. श्री प्रसाद रविवार को झारखंड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2019 9:23 AM
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के सेवानिवृत्त जज विक्रमादित्य प्रसाद ने कहा कि वर्तमान समय में विधिक शिक्षा स्तर में बहुआयामी बदलाव की जरूरत है. लॉ के विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान की आवश्यकता है.
इन्हें पुराने मूल्यों के साथ-साथ वर्तमान न्यायिक पद्धति में हो रहे बदलाव के साथ अपडेट रहना होगा. श्री प्रसाद रविवार को झारखंड स्टेट बार काउंसिल की ओर से आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे. विषय था-विधिक शिक्षा के समक्ष समकालीन चुनौतियां : जरूरत व सुधार. सेमिनार में लॉ कॉलेजों के प्रोफेसर व रिटायर जजों ने सुझाव दिये.
इन्होंने कहा कि बार काउंसिल को यूनिफॉर्म नियमावली बनाना चाहिए, ताकि सभी लॉ कॉलेजों में एकरूपता रहेकि क्या पढ़ाया जाये.
यह भी कहा गया कि लॉ कोर्स की अवधि एक ही होनी चाहिए. ग्रेजुएशन के बाद पांच साल का कोर्स होना चाहिए. साथ ही इसके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 50 प्रतिशत कर रखना चाहिए. इसके अलावा सरकार से विधि विद्यालयों को आर्थिक सहयोग देने के साथ विधि का अच्छा पुस्तकालय स्थापित करने का सुझाव दिया गया. बार काउंसिल के वाइस चेयरमैन राजेश शुक्ला ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि लॉ कॉलेजों में विधि के साथ अनुशासन को लेकर भी शिक्षा दी जाये, ताकि न्यायालय में अनुशासन की झलक दिखे.
विधि के शिक्षकों को रिसर्च में विद्यार्थियों को सहभागी बनाना चाहिए. बार काउंसिल ऑफ इंडिया के झारखंड प्रतिनिधि प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि विधि विद्यालयों की गुणवत्ता व आधारभूत संरचना में और सुधार करने की जरूरत है. इसको लेकर काउंसिल की ओर से पहल की जा रही है. कार्यक्रम का संचालन काउंसिल के सदस्य राजेंद्र कृष्णा ने किया.
मौके पर बार काउंसिल के सदस्य एके सिंह, प्रयाग महतो, परमेश्वर महतो, मृत्युंजय श्रीवास्तव, राज कुमार राजू, हेमंत सिकरवार, राधेश्याम गोस्वामी, राम सुभग सिंह, पवन खत्री, मिथलेष पांडेय के अलावा सेवानिवृत प्रधान जिला न्यायाधीश प्रेम प्रकाश पांडेय, सीएम लॉ कॉलेज के प्राचार्य पंकज कुमार चतुर्वेदी, एनयूएसआरएल की एसोसिएट प्रोफेसर श्यामला, को-ऑपरेटिव कॉलेज के प्राचार्य जितेंद्र कुमार, धनबाद लॉ कॉलेज के अमरेश चौधरी, निवेदिता, आलोक कुमार समेत कई अधिवक्ता मौजूद थे.

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