इटकी : बारिश के अभाव में धनरोपनी प्रभावित

बोरिंग से पानी डाल खेतों को कर रहे तैयार किसानों को दी जायेगी टांड़ भूमि में दलहन व तिलहन की खेती करने की सलाह इटकी : प्रखंड में बारिश के अभाव में धनरोपनी का कार्य ठप है. अब तक मात्र पांच प्रतिशत ही धनरोपनी हो पायी है. गहरे खेतों में किसान बोरिंग से पटवन कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 3, 2019 9:26 AM
बोरिंग से पानी डाल खेतों को कर रहे तैयार
किसानों को दी जायेगी टांड़ भूमि में दलहन व तिलहन की खेती करने की सलाह
इटकी : प्रखंड में बारिश के अभाव में धनरोपनी का कार्य ठप है. अब तक मात्र पांच प्रतिशत ही धनरोपनी हो पायी है. गहरे खेतों में किसान बोरिंग से पटवन कर धनरोपनी के प्रयास में हैं. इधर तैयार बिचड़े अब बूढ़े होने लगे हैं.
किसानों का मानना है कि इन बिचड़ों की रोपाई से अब कोई फायदा नहीं है. सूखे की आशंका से किसान परेशान हैं. इस आशंका को लेकर प्रखंड प्रशासन द्वारा क्षेत्र की मुख्य धान की फसल का विकल्प तलाशने का काम शुरू कर दिया गया है. कृषक मित्रों के साथ प्रशासन की हुई बैठक में टांड़ भूमि में दलहन व तिलहन की खेती की सलाह किसानों को दी जाने पर सहमति बनी है.
बीटीएम विकास तिर्की ने बताया कि प्रखंड में आधी बारिश भी नहीं हुई है. इससे धनरोपनी काफी प्रभावित हुआ है. 31 जुलाई तक मात्र पांच प्रतिशत ही धनरोपनी की जा सकी है. कृषक मित्र मनोज महतो ने जानकारी दी कि अल्प बारिश के कारण कुअों का जलस्तर नहीं बढ़ा है. इससे खेतों में पानी का जमाव नहीं हो पा रहा है. बोरिंग से खेतों में पानी डालकर धनरोपनी का प्रयास किया जा रहा है.
इधर किसान अमूल्य कच्छप ने बताया कि इस वर्ष उनका एक एकड़ में धान की खेती का लक्ष्य था, लेकिन बारिश के अभाव में मात्र 25 डिसमिल में ही धनरोपनी हो सकी है. मोरो के कृषक मित्र नंदलाल महतो का कहना है कि बिचड़े अब बूढ़े हो गये हैं. इन्हें खेत में लगाने से कोई विशेष फायदा नहीं होगा.

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