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लिट्टीपाड़ा में इस्राइली कंपनी बना रही है राज्य की सबसे बड़ी जलापूर्ति योजना

पाकुड़ से लौटकर विवेक चंद्र देश के सबसे पिछड़े प्रखंडों में शामिल लिट्टीपाड़ा को फ्लोराइड युक्त पानी से मुक्ति मिलेगी. यहां इस्राइल की कंपनी तहल राज्य की सबसे बड़ी जलापूर्ति योजना को अमली जामा पहना रही है. सरकार के 217 करोड़ रुपये से तहल के इंजीनियर ग्रामीण जलापूर्ति के लिए तैयार किये जा रहे सिस्टम […]

पाकुड़ से लौटकर विवेक चंद्र
देश के सबसे पिछड़े प्रखंडों में शामिल लिट्टीपाड़ा को फ्लोराइड युक्त पानी से मुक्ति मिलेगी. यहां इस्राइल की कंपनी तहल राज्य की सबसे बड़ी जलापूर्ति योजना को अमली जामा पहना रही है.
सरकार के 217 करोड़ रुपये से तहल के इंजीनियर ग्रामीण जलापूर्ति के लिए तैयार किये जा रहे सिस्टम को मई 2020 तक पूरा करने का दावा कर रहे हैं. वर्तमान में लिट्टीपाड़ा के लोग कुआं, चापाकल एवं निजी बोरिंग से पेयजल का इंतजाम करते हैं.
17 पंचायतों में 1.05 लाख की आबादी को मिलेगा पानी
लिट्टीपाड़ा में 17 पंचायतें हैं. इनमें 270 चिरागी और 15 बेचिरागी गांव हैं. चिरागी का मतलब जिस गांव में लोग निवास करते हों. प्रखंड के चिरागी गांवों की कुल आबादी 1.05 लाख है. तहल कंपनी द्वारा बासलोई नदी को पेयजलापूर्ति योजना के जलस्रोत के रूप में चिह्नित किया गया है. नदी में इंटेकवेल बनाने का काम तेजी से चल रहा है.
प्रखंड मुख्यालय के पास जलमीनार एवं संप का निर्माण अंतिम चरण में है. पाइप लाइन के सहारे इस जलमीनार से लिट्टीपाड़ा के सभी गांवों को जोड़ा जा रहा है. राइजिंग पाइप से घरों में पानी की सप्लाई पाइप लाइन के माध्यम से की जायेगी. इससे लोगों को फ्लोराइड युक्त पानी की जगह शुद्ध पेयजल मिलना संभव हो सकेगा.
बने हैं 47 हजार से अधिक शौचालय
लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त हो गया है. क्षेत्र में कुल 47,003 शौचालयों निर्माण किया गया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 85.79 करोड़ रुपये की लागत से 3,209 लाभुकों को आवास उपलब्ध कराया गया है. उज्‍ज्‍वला योजना के अंतर्गत 26,499 महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन और चूल्हा दिया जा चुका है. पीटीजी डाकिया योजना के तहत 9,775 आदिम जनजाति परिवारों को राशन मुहैया कराया जा रहा है.
तेजी से बदल रहा है लिट्टीपाड़ा
पिछले पांच वर्षों में लिट्टीपाड़ा तेजी से बदला है. इस दौरान पूरे विधानसभा क्षेत्र में 196.96 करोड़ रुपये की लागत से 237.3 किलोमीटर से अधिक सड़क का निर्माण हुआ है. 686.23 लाख की लागत से पुल-पुलिया बनाये गये हैं.
स्वरोजगार के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत 11,296 लाभार्थियों के बीच 64.16 करोड रुपये ऋण के रूप में वितरित किये गये हैं. रानी केला में चल रहा विद्युत शक्ति केंद्र का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है. निर्बाध बिजली देने के लिए 351.4 किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन और 11 केवी लाइन का विस्तार किया गया है. इसके अलावा 67 करोड़ रुपये की लागत से लिट्टीपाड़ा बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजना का कार्य जारी है.

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