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विश्व आदिवासी दिवस : अपनी भाषा, सभ्यता व संस्कृति को बचायें आदिवासी – द्रौपदी मुर्मू

रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि आदिवासी भाषा, सभ्यता एवं संस्कृति ही जनजातीय समुदाय की पहचान है. आदिवासी होने पर हमें शर्मिंदा नहीं गर्व महसूस करना चाहिए. वैश्विक विकास की दौड़ में हमें ग्राम स्वशासन के माध्यम से अपनी भाषा, सभ्यता एवं संस्कृति को बचाना होगा. राज्यपाल शुक्रवार को विश्व आदिवासी दिवस […]

रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि आदिवासी भाषा, सभ्यता एवं संस्कृति ही जनजातीय समुदाय की पहचान है. आदिवासी होने पर हमें शर्मिंदा नहीं गर्व महसूस करना चाहिए. वैश्विक विकास की दौड़ में हमें ग्राम स्वशासन के माध्यम से अपनी भाषा, सभ्यता एवं संस्कृति को बचाना होगा. राज्यपाल शुक्रवार को विश्व आदिवासी दिवस पर फिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थीं.

राज्यपाल ने कहा कि अभी से अगर सजग हो कर नहीं रहेंगे, तो आदिवासियों का अस्तित्व खत्म हो जायेगा. उन्होंने ग्राम सभा के माध्यम से सरकार की विकास यात्रा में भागीदारी निभाने की अपील की. मौके पर ऊर्जा सचिव वंदना डाडेल ने कहा कि वैश्विक विकास की इस दौर में हम अपनी सभ्यता और संस्कृति को खो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि झारखंड में ग्राम स्वशासन तभी मजबूत होगा, जब पेशा कानून के क्रियान्वयन के लिए रूल्स बने. मौके पर राज्यपाल ने कई संस्थाओं को सम्मानित किया. आदिवासी लेखक वंदना टेटे, अकाई मिंज, रतन तिर्की, वंदना डाडेल को उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया. मौके पर राज्य प्रबंधक जॉनसन टोप्पो, अकाई मिंज, धीरज होरो, घनश्याम, अरविंद, राजेश पति, अनुरंजन पुर्ती आदि उपस्थित थे.
आदिवासी समाज को सुविधाएं दिलाने के लिए ही केंद्र ने अलग मंत्रालय बनाया : राज्यपाल
रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि कई प्रयास के बाद भी आज आदिवासी समाज कई सुविधाअों से वंचित हैं. हजारों अादिवासी लड़कियां गरीबी अौर अशिक्षा के कारण दूसरे के घर में काम करने को मजबूर हैं. इन्हें सुविधा दिलाने के उद्देश्य से ही केंद्र ने आदिवासी कार्य मंत्रालय का गठन किया था, जिसके मंत्री झारखंड के अर्जुन मुंडा हैं.
विश्व स्तर पर 1994 से नौ अगस्त को विश्व अादिवासी दिवस मनाया जा रहा है. इसका मूल उद्देश्य इनके संरक्षण के साथ विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करना अौर पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनके अंदर निहित संवेदनशीलता को बढ़ावा देना है. आदिवासी समाज इस दिन की बधाई स्वीकार करें.
राज्यपाल शुक्रवार को बिरसा कृषि विवि में अादिवासी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थीं. राज्यपाल ने कहा कि विश्व में करीब 370 मिलियन आदिवासी करीब 90 देशों में रह रहे हैं. वे दुनिया की आबादी के पांचवें हिस्से से भी कम हैं. राज्यपाल ने कहा कि बीएयू महाविद्यालय के नामांकन में जनजातीय समुदाय के सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिए उन्हें जागरूक व प्रोत्साहित करे.
विवि के कुलपति डॉ आरएस कुरील ने कहा कि अादिवासी समाज की समस्याअों को दूर करने अौर उनके लिए बेहतर वातावरण का निर्माण करना ही उनका प्रमुख उद्देश्य है. मौके पर राज्यपाल ने विभिन्न जिलों से आये किसानों को सम्मानित किया. राज्यपाल ने विवि में आर्ट एंड कल्चर म्यूजियम का भी शिलान्यास किया. मौके पर कांके के विधायक डॉ जीतूचरण राम सहित कई लोग उपस्थित थे.

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