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बकरीद पर सऊदी से घर लौटे मुफीज ने कहा : अपने मुल्क में नौकरी करें, गैर-मुल्क कभी न जायें

रांची : बकरीद के दिन झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास का मुरीद हो गया रांची का खुर्शीद. उसके लिए श्री दास आज खुदा से कम नहीं थे. उसके पांव आज एक जगह टिक नहीं रहे थे. बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से बाहर आने वाले लोगों को देख रहा था. उसकी आंखें अपने भाई मुफीज को ढूंढ़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2019 3:04 PM

रांची : बकरीद के दिन झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास का मुरीद हो गया रांची का खुर्शीद. उसके लिए श्री दास आज खुदा से कम नहीं थे. उसके पांव आज एक जगह टिक नहीं रहे थे. बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से बाहर आने वाले लोगों को देख रहा था. उसकी आंखें अपने भाई मुफीज को ढूंढ़ रही थी. और आखिरकार वह पल भी आ गया, जब मुफीज नजर आया. खुर्शीद दौड़ते हुए अपने भाई के पास गया और मुफीज से लिपट गया.

दोनों भाइयों की आंखें छलक आयीं. खुर्शीद ने रुंधे गले से कहा : …ईदु-उल अजहा मुबारक भाई जान… फिर दोनों भाई गले मिले और देर तक एक-दूसरे को बाहों में समेटे रहे. आज पूरे ढाई साल बाद यातनाओं और मुसीबतों से मुक्ति पाकर मुफीज अपने घर लौटा है. वह भी वह भी बकरीद के मुबारक दिन.

जहन्नुम जैसी हो गयी थी जिंदगी

मुफीज ने बताया कि वर्ष 2017 में वह दुबई गया था. यह सोचकर कि कुछ पैसे कमाकर अपने परिवार को भेजेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. एक वर्ष तक किसी तरह काम करने के बाद जब उसका अनुबंध समाप्त हुआ, तो उसने घर वापसी की इच्छा जाहिर की. लेकिन उसे लौटने नहीं दिया गया. उससे जबरन काम लिया जाता रहा. मोहम्मद जहिया हुसैन उसके साथ गुलामों जैसा व्यवहार करने लगा. एक दिन किसी तरह वह जहिया के चुंगल से निकल गया.

काम छोड़कर भाग जाने के बाद मुफीज के मालिक ने उस पर चोरी का आरोप लगाया. सऊदी अरब की पुलिस ने उसे पकड़ा और फिर छोड़ भी दिया. लेकिन, पुलिस लगातार उससे पूछताछ करती रही. मुफीज ने बताया कि किसी तरह किराये के घर में उसने 4 महीने बिताये. ये दिन जहन्नुम के दिन थे. फिर अपने परिवार वालों को अपनी आपबीती सुनायी. परिवारवालों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास तक उसकी पीड़ा को पहुंचाया.

मुख्यमंत्री ने पहल की और आज वह अपने घर आ पाया. मुफीज ने कहा, ‘मुझे वतन वापसी की उम्मीद नहीं थी. मुख्यमंत्री जी खुदा बनकर आये. मुख्यमंत्री के आप्त सचिव केपी बालियन ने भी मेरी बहुत मदद की है.’

मुफीज की अपील : अपने वतन में काम करो, कहीं और न जाओ

मुफिज ने कहा कि उस पर लगा चोरी का आरोप गलत साबित हुआ. उसने अपनी परेशानी के लिए मोजन अली को जिम्मेदार ठहराया, जो उसे सऊदी लेकर गया था. उसने गलत ढंग से उसके कागजात बनवाये थे. उसने लोगों से अपील की कि सब अपने वतन में काम करें. कभी गैर वतन जाकर काम न करें.

मुख्यमंत्री जी आपको शुक्रिया, आपने मुझे भाई से मिलवाया

मुफीज के भाई खुर्शीद ने कहा कि वर्ष 2017 में मुफीज काम करने के लिए सऊदी अरब गया था. वह एक कुशल मैकेनिक है. उसे लेकर जाने वाले उसके दोस्त ने काम का ऑफर दिया था. वहां जाकर मुफीज को पता चला कि उसे बताया गया वेतन नहीं मिल रहा है. काम भी अधिक लिया जा रहा था. एक वर्ष का अनुबंध होने की वजह से मुफीज चुप रहा. एक वर्ष पूरा होने के बाद वर्ष 2018 में उसने रांची वापसी की बात की. लेकिन, उसे छोड़ा नहीं गया. जबरन काम करवाया जाता रहा. इसके बाद हमलोगों ने झारखंड के मुख्यमंत्री से गुहार लगायी और उन्होंने हमारे भाई की वतन वापसी करवायी. शुक्रिया मुख्यमंत्री जी.

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