- 24 करोड़ में बननेवाले एकलव्य विद्यालयों में प्लस टू तक की पढ़ाई होगी
- पढ़ाई के साथ-साथ चार तरह के खेलों काे दिया जायेगा बढ़ावा
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खरसावां पहुंचे केंद्रीय जनजाति मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा, कहा – राज्य में 70 एकलव्य विद्यालय खुलेंगे
24 करोड़ में बननेवाले एकलव्य विद्यालयों में प्लस टू तक की पढ़ाई होगी पढ़ाई के साथ-साथ चार तरह के खेलों काे दिया जायेगा बढ़ावा खरसावां/रांची : केंद्रीय आदिवासी मामलों के मंत्री एवं खूंटी के भाजपा सांसद अर्जुन मुंडा सोमवार को खरसावां दौरे पर पहुंचे. इस दौरान वह जिला फुटबॉल लीग टूर्नामेंट, वन महोत्सव एवं भाजपा […]
खरसावां/रांची : केंद्रीय आदिवासी मामलों के मंत्री एवं खूंटी के भाजपा सांसद अर्जुन मुंडा सोमवार को खरसावां दौरे पर पहुंचे. इस दौरान वह जिला फुटबॉल लीग टूर्नामेंट, वन महोत्सव एवं भाजपा के सदस्यता अभियान में शामिल हुए. मौके पर श्री मुंडा ने कहा कि जनजाति कल्याण मंत्रालय प्रखंड स्तर पर एकलव्य विद्यालय स्थापित करने की योजना पर कार्य कर रहा है.
राज्य में अगले तीन वर्षों में ऐसे 70 स्कूल खोलने की योजना है, जहां प्लस टू तक की पढ़ाई होगी. हर स्कूल पर करीब 24 करोड़ रुपये खर्च होंगे. करीब 15 एकड़ के भूभाग पर स्थापित होनेवाले इन विद्यालयों में पढ़ाई के साथ-साथ कम से कम चार तरह के खेलों का संचालन होगा. इससे शिक्षा के साथ-साथ खेल को भी बढ़ावा मिलेगा.
श्री मुंडा ने कहा कि जिले के अधिकारी आदिवासियों को लाभ मिलनेवाली योजना का प्रस्ताव बना कर भेजें, उसे केंद्र सरकार स्वीकृति देगी. इसमें राशि की कमी होने नहीं दी जायेगी. योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ आम लोगों तक पहुंचाने के लिए टीम वर्क जरूरी है.
धारा 370 पर कायम भ्रांतियां दूर की गयीं, पूरे देश में किया गया स्वागत
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि धारा 370 को लेकर भ्रांति थी, अब उसे दूर किया गया. पूरे देश ने इसका स्वागत किया है. इस बार संसद का सत्र ऐतिहासिक रहा है. श्री मुंडा ने कहा कि 21वीं सदी भारत की होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार हर क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रही है. भारत दुनिया के सबसे अग्रिम पंक्ति में होगा.
सिल्क हब बनेगा खरसावां-कुचाई क्षेत्र
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि खरसावां-कुचाई को तसर हब के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की जा रही है. उन्होंने कहा कि पहले झारक्राफ्ट के माध्यम से तसर के क्षेत्र में बेहतर कार्य हो रहा था, लेकिन हाल के दिनों में इसमें कुछ गिरावट आयी है. अब फिर से तसर किसानों को अधिक से अधिक रोजगार से जोड़ने के लिए उनका मंत्रालय प्रयासरत है.
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