विद्यालय चलें-चलायें अभियान का हाल : पिछले वर्ष से 1.47 लाख कम बच्चों का नामांकन
सुनील कुमार झारांची : राज्य में विद्यालय चलें-चलायें अभियान के तहत इस वर्ष 515735 बच्चों का नामांकन लिया गया. सभी जिलों ने नामांकन की रिपोर्ट राज्य शिक्षा परियोजना कार्यालय को भेज दी है. वर्ष 2018 की तुलना में इस वर्ष विद्यालयों में 147265 कम बच्चों का नामांकन लिया गया. वर्ष 2018 में 6.63 लाख और […]
सुनील कुमार झा
रांची : राज्य में विद्यालय चलें-चलायें अभियान के तहत इस वर्ष 515735 बच्चों का नामांकन लिया गया. सभी जिलों ने नामांकन की रिपोर्ट राज्य शिक्षा परियोजना कार्यालय को भेज दी है. वर्ष 2018 की तुलना में इस वर्ष विद्यालयों में 147265 कम बच्चों का नामांकन लिया गया.
वर्ष 2018 में 6.63 लाख और वर्ष 2017 में 4.35 लाख बच्चों का नामांकन लिया गया था. राज्य शिक्षा परियोजना कार्यालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, स्कूलों में नामांकित कुल 515735 बच्चों में से 64660 बच्चे ऐसे हैं, जिनका नामांकन पहले भी विद्यालय में कराया गया था, लेकिन उन्होंने विद्यालय आना छोड़ दिया था.
एक अप्रैल से 30 जून तक चला अभियान
राज्य में एक अप्रैल से 30 जून तक नामांकन अभियान चलाया गया था. अभियान के तहत कक्षा एक से 12वीं तक के बच्चों का नामांकन लिया गया. राज्य के 35351 विद्यालयों द्वारा अपने पोषक क्षेत्र में अभियान चलाया गया. विद्यालय द्वारा अपने क्षेत्र में इसके लिए अभियान चलाया गया, जिसमें नामांकन नहीं लेनेवाले विद्यार्थियों को चिह्नित कर उनका नामांकन कराया गया.
इसके लिए विद्यालयों द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाया गया. राज्य सरकार द्वारा प्रति वर्ष नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने पर नामांकन अभियान चलाया जाता है. इसके तहत नये बच्चों के साथ-साथ वैसे बच्चों का भी नामांकन लिया जाता है, जो विद्यालय छोड़ चुके होते हैं.
पश्चिमी सिंहभूम में सबसे अधिक बच्चों का नामांकन
राज्य में सबसे अधिक नामांकन पश्चिमी सिंहभूम जिला में हुआ. पश्चिमी सिंहभूम में कुल 44488 बच्चों का नामांकन हुआ. साहेबगंज में 41239 और गिरिडीह में 39233 बच्चों का नामांकन लिया गया.
जिला नामांकन
बोकारो 20239
चतरा 37033
देवघर 29317
धनबाद 31739
दुमका 25863
गढ़वा 33404
गिरिडीह 39233
गोड्डा 20194
गुमला 6477
हजारीबाग 14231
जामताड़ा 12191
खूंटी 7435
कोडरमा 10295
लातेहार 9514
लोहरदगा 4657
पाकुड़ 25937
पलामू 29030
प.सिंहभूम 44488
पू.सिंहभूम 8642
रामगढ़ 10917
रांची 29675
साहेबगंज 41239
सरायकेला-खरसावां 8780
सिमडेगा 8780
सरकार का दावा इन कारणों से कम हुआ नामांकन
नामांकन अभियान के तहत नये बच्चों के साथ-साथ विद्यालय छोड़ चुके बच्चों का भी फिर से नामांकन लिया जाता है. सरकार का मानना है कि ड्राॅप आउट में कमी के कारण नामांकन में कमी हो सकती है.
इसके अलावा सरकारी से लेकर निजी विद्यालय तक के बच्चों का आधार कार्ड जमा लिया गया है. बच्चों के नामांकन को आधार नंबर से जोड़ा गया. इससे काफी संख्या में ऐसे बच्चे पकड़ में आये, जो निजी व सरकारी दोनों विद्यालय में नामांकित थे. इस कारण अब बच्चे दो जगह नामांकन नहीं लेते हैं, इससे भी नामांकन में कमी आयी है.
छह हजार स्कूलों का हुआ विलय
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के मापदंड का पालन नहीं करनेवाले राज्यभर के लगभग 4343 प्राथमिक व मध्य विद्यालय का विलय गत वर्ष किया गया था. इससे पूर्व भी लगभग 1200 विद्यालयों का विलय किया गया है. ऐसे में लगभग छह हजार से अधिक विद्यालयों का विलय हो चुका है. सरकार द्वारा विद्यालयों के विलय का थर्ड पार्टी मूल्यांकन भी कराया जा रहा है.
2019 में5,15,735 बच्चों का नामांकन हुआ
64,660 बच्चों ने छोड़ दिया था स्कूल, फिर कराया गया नामांकन
2018 में
6.63 लाख
2017 में
4.35 लाख