रांची : बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव बुधवार को झारखंड की राजधानी रांची में कहा कि नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के साथ भाजपा का सिर्फ बिहार में गठबंधन है. इसके अलावा देश के किसी भी कोने में दोनों पार्टियां चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं. लोेकसभा चुनावों में भी जदयू ने कई जगह भाजपा के खिलाप अपने प्रत्याशी उतारे थे. उन्होंने कहा कि भाजपा ने बिहार के विकास के लिए वहां जदयू के साथ सरकार में है. उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) जल्द ही बिखर जायेगा.
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भाजपा मुख्यालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कई मुद्दों पर जदयू के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मतभेदों पर श्री यादव ने कहा कि दोनों अलग-अलग विचारधारा की पार्टियां हैं. राजनीतिक दलों में मतभेद स्वाभाविक है. लेकिन, बिहार के विकास के मुद्दे पर दोनों पार्टियां साथ-साथ चल रही हैं. जदयू-भाजपा गठबंधन सरकार की वजह से विपक्ष हाशिये पर चला गया है. जल्दी ही लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) बिखर जायेगी. ठीक उसी तरह जिस तरह से झारखंड में बिखर गयी.
झारखंड में इस वर्ष के अंत में होने जाने रहे विधानसभा चुनावों के सह-प्रभारी नंद किशोर यादव ने कहा कि बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी राजद के नेता तेजस्वी यादव विधानसभा से भी भाग रहे हैं. मॉनसून सत्र के दौरान सिर्फ एक दिन के लिए विधानसभा में आये. वह भी महज 10 मिनट के लिए. संभवत: यह पहला मौका होगा, जब बजट सत्र में विरोधी दल के नेता ने कोई भाषण नहीं दिया. अपनी राय सदन में नहीं रखी. ये लोग नकारात्मक राजनीति कर रहे हैं.
अनुच्छेद 370 पर हो रही हिंदू-मुस्लिम की राजनीति
श्री यादव ने कहा कि अनुच्छेद 370 जैसे गंभीर मुद्दे पर विरोधी दल के नेता हिंदू-मुस्लिम की राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक ओर जहां पूरा देश अनुच्छेद की धाराओं को खत्म करने के सरकार के फैसले का समर्थन कर रहे हैं, वहीं विरोधी दल इसका विरोध कर रहे हैं. विरोध के लिए जब कोई तर्क उनके पास नहीं रह गया, तो उन्होंने इसे हिंदू-मुस्लिम का विवाद बनाने की कोशिश की.
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उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वजह से महिलाओं के साथ भेदभाव हो रहा था. दलित और आदिवासियों के साथ अन्याय हो रहा था. जम्मू-कश्मीर में करीब 10 फीसदी आबादी आदिवासियों की है. उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा था. महिलाओं को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा था. उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर के बाहर शादी की. उनके बच्चों को जम्मू-कश्मीर में सारे अधिकार प्राप्त हैं. लेकिन, उनकी बहन के बच्चों को ये अधिकार प्राप्त नहीं हैं.
श्री यादव ने कहा कि कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि 50-60 के दशक में वाल्मीकि समाज के लोगों को इस शर्त के साथ जम्मू-कश्मीर में बसाया गया कि उनके बच्चे मैला ढोने के अलावा कोई और काम नहीं कर पायेंगे. इस समाज के लोगों के बच्चे आज भी गंदगी साफ करने का काम करते हैं. भले ही वे कितने भी शिक्षित क्यों न हो जायें.