लेह-लद्दाख में होगा झारखंड के आदिवासी कला का प्रदर्शन, नौ दिवसीय आदि महोत्सव का आयोजन
– आदिवासी कला, संस्कृति और उत्पादों को पहचान दिलाने की होगी पहल ब्यूरो, नयी दिल्ली जनजातीय कला, संस्कृति और वन उत्पादों के लिए बेहतर बाजार मुहैया कराने के लिए आदिवासी मामलों का मंत्रालय लेह-लद्दाख में नौ दिवसीय आदि महोत्सव का आयोजन कर रहा है. जिससे आदिवासी कला, संस्कृति और उत्पादों की पहुंच आम लोगों तक […]
– आदिवासी कला, संस्कृति और उत्पादों को पहचान दिलाने की होगी पहल
ब्यूरो, नयी दिल्ली
जनजातीय कला, संस्कृति और वन उत्पादों के लिए बेहतर बाजार मुहैया कराने के लिए आदिवासी मामलों का मंत्रालय लेह-लद्दाख में नौ दिवसीय आदि महोत्सव का आयोजन कर रहा है. जिससे आदिवासी कला, संस्कृति और उत्पादों की पहुंच आम लोगों तक पहुंचायी जा सके. आयोजन में झारखंड के आदिवासी कला का भी प्रदर्शन किया जायेगा, साथ ही राज्य के आदिवासी कला और उसकी जीवंतता को बताया जायेगा.
आदिवासियों के परंपरागत वस्तुओं और उनके द्वारा बनायी गयी वस्तुओं का भी प्रदर्शन किया जायेगा. ट्राइफेड के तत्वाधान में आयोजित यह महोत्सव 17-25 अगस्त तक होगा. इस महोत्सव में देश के 20 राज्यों के लगभग 160 जनजातीय कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे.
राजस्थान, महाराष्ट्र, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल के जनजातीय वस्त्र, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर से जनजातीय आभूषण, मध्य प्रदेश से गोंड चित्रकला जैसी जनजातीय चित्रकारी, महाराष्ट्र से वार्ली कला, छत्तीसगढ़ से धातु शिल्प, मणिपुर से ब्लैक पाट्री, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के आर्गेनिक उत्पाद का भी प्रदर्शन किया जायेगा.
स्थानीय सांस्कृतिक समूह लद्दाखी लोक नृत्य जाबरो नृत्य और स्पाओ नृत्य प्रस्तुत करेंगे. इस महोत्सव के दौरान वन धन योजना के तहत लद्दाख के कारीगरों के उत्पाद की पहचान कर ट्राइब्स इंडिया द्वारा संचालित 104 खुदरा दुकानों और दुनियाभर के 190 देशों में एमेजॉन के माध्यम से बेचा जायेगा.
लेह-लद्दाख के पोलो ग्राउंड में आयोजित होने वाले नौ दिवसीय इस महोत्सव का उद्घाटन जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक शनिवार की शाम को करेंगे. इस मौके पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा, जनजातीय कार्य राज्य मंत्री रेणुका सिंह और ट्राइफेड के अध्यक्ष आरसी मीणा भी मौजूद रहेंगे.