फेक ट्रांजेक्शन रोकने के लिए राज्य में इंटेलीजेंस सेल का गठन, कारोबारियों को कर में छूट
रांची : कारोबार को बढ़ावा और कारोबारियों का हित सरकार की विशेष प्राथमिकता है. इसलिए कारोबार के माहौल को बेहतर से बेहतर करने के लिए कई कदम उठाये गये हैं. आज झारखंड में कारोबार को लेकर व्यवसायियों और व्यवसायिक संगठनों का भी सकारात्मक सपोर्ट मिल रहा है. वाणिज्य कर विभाग के सचिव प्रशांत कुमार ने […]
रांची : कारोबार को बढ़ावा और कारोबारियों का हित सरकार की विशेष प्राथमिकता है. इसलिए कारोबार के माहौल को बेहतर से बेहतर करने के लिए कई कदम उठाये गये हैं. आज झारखंड में कारोबार को लेकर व्यवसायियों और व्यवसायिक संगठनों का भी सकारात्मक सपोर्ट मिल रहा है. वाणिज्य कर विभाग के सचिव प्रशांत कुमार ने गुरुवार को सूचना भवन में संवाददाता सम्मेलन में ये बातें कही.
उन्होंने कहा कि कारोबारियों को टैक्स कंप्लांयस में राहत देने पर विभाग का विशेष फोकस है. इसके तहत निबंधन, कर भुगतान, विवरणी दाखिलाऔर प्रपत्र निर्गमन को ऑनलाइन कर दिया गया है. इसके साथ व्यवसायियों को कर में छूट समेत कई अन्य रियायतें दी जा रही है.
टैक्स कलेक्शन में 28.57 प्रतिशत का इजाफा
वाणिज्य कर सचिव ने बताया कि टैक्स कलेक्शन में लगातार इजाफा हो रहा है. चालू वित्तीय वर्ष (2019-20) में जुलाई माह तक 4740.57 करोड़ टैक्स कलेक्शन हो चुका है, जो पिछले वित्तीय वर्ष (2018-19) की इसी अवधि की तुलना में 28.57 प्रतिशत ज्यादा है. इसमें जीएसटी क्लेक्शन 3268.51 करोड़ औऱ नॉन जीएसटी कलेक्शन 1472 करोड़ रुपये है. नॉन जीएसटी कलेक्शन में लगभग 72 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गयी है. विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में 16,700 करोड़ रुपये राजस्व संग्रह का लक्ष्य रखा है.
व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए की गयी पहल
श्री कुमार ने बताया कि व्यवसायों को बढ़ावा देने पर विशेष फोकस है. इसके अंतर्गत पिछले साढ़े चार सालों के दौरान विभाग की ओर से कई निर्णय लिये गये हैं. एक ओऱ जहां मेगा आईटी इकाईयों और रिन्यूबल एनर्जी सोर्स से ऊर्जा उत्पादन करने वाले ऊर्जा संयंत्रों को विद्युत देयता में 50 प्रतिशत तक विद्युत शुल्क में छूट दी गयी है. सोलर पावर प्लांट के अधिष्ठापन को बढ़ावा देने के लिए प्रयोग में आने वाले उपकरणों को टैक्स फ्री कर दिया गया है तो दो करोड़ रुपये तक के वार्षिक सकल आवर्त करने वाले व्यवसायियों को कर निर्धारण से छूट दी गयी है. इसके साथ माल औऱ सेवा कर प्रणाली के तहत निबंधन हेतु सकल आवर्त की सीमा 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख कर दी गयी है.
कई सामानों पर टैक्स की दर में कमी से मिली राहत
विभाग द्वारा कई सामानों पर टैक्स की दर में कमी किये जाने का फायदा कारोबारियों के साथ आम लोगों को भी मिल रहा है. इसके तहत घर और फ्लैट्स पर जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत, स्कूली बैग पर टैक्स की दर को 28 से घटाकर 18 प्रतिशत, इंसुलिन पर कर की दर को 12 से घटाकर 5 प्रतिशत, रेस्टोरेंट में टैक्स की दर को 18 से घटाकर 5 प्रतिशत, सिनेमाघरों में 100 रुपये से अधिक की टिकटों पर कर की दर को 28 से घटाकर 18 प्रतिशत और उससे कम की टिकट पर 5 प्रतिशत कर और सैनिटरी नैपकिन को कर मुक्त कर दिया गया है.
1,82,696 कारोबारियों का हो चुका निबंधन
वाणिज्य कर सचिव ने बताया कि 1 जुलाई 2017 से झारखंड में माल एवं सेवा कर प्रणाली (जीएसटी) लागू है. राज्य में अबतक 1,82,696 व्यवसायी निबंधन करा चुके हैं, जबकि 2017 में निबंधित कारोबारियों की संख्या 1,07,280 थी. उन्होंने बताया कि जीएसटी से संबंधित जानकारी देने के लिए राज्य स्तर पर टॉल फ्री कॉल सेंटर -18003457020 कार्य कर रहा है. इसके अलावा व्यवसायियों, कर दाताओं, अधिवक्ताओं, चैंबर आफ कॉमर्स के पदधारकों को समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाता रहा है. मुनाफाखोरी को रोकने के लिए राज्यस्तरीय स्क्रीनिंग समिति भी बनायी गयी है.
फेक इनवॉयसेज के 43 मामले आये हैं सामने
वाणिज्य कर सचिव ने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद से कुछ फर्म फेक ट्रांजेक्शन कर टैक्स चोरी कर रहे हैं. ऐसे मामले राष्ट्रीय स्तर पर सामने आ रहे हैं. ये फर्म वस्तु का क्रय-विक्रय किये बगैर ही फेक ट्रांजेक्शन कर रहे हैं. फेक ट्रांजेक्शन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है. अबतक 43 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें 25 मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गयी है और बाकी मामलों में अनुसंधान चल रहा है. इस तरह के मामलों की निगरानी के लिए राज्य में इंटेलीजेंस सेल का गठन किया गया है.
संवाददाता सम्मेलन में ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ स्टेट टैक्स शिवचंद्र भगत और शिव सहाय सिंह, स्टेट टैक्स आफिसर ब्रजेश और सूचना एवं जनसंपर्क के निदेशक रामलखन प्रसाद गुप्ता सहित अन्य मौजूद थे.