रांची : विभाग के ‘खेल’ में फंसे ओलिंपियन हरभजन सिंह प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भेज कहा- इंसाफ दिलाएं

दिवाकर सिंह रांची : ओलिंपिक में देश का मान बढ़ा चुके बास्केटबॉल व हैंडबॉल के मशहूर खिलाड़ी हरभजन सिंह (जमशेदपुर निवासी) खेल विभाग की कारगुजारी से परेशान हैं. वह झारखंड बास्केटबॉल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी हैं. उनका कहना है कि 2015 में खेल आयोजनों के लिए खेल विभाग की ओर से एसोसिएशन को 3.5 लाख […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2019 6:27 AM
दिवाकर सिंह
रांची : ओलिंपिक में देश का मान बढ़ा चुके बास्केटबॉल व हैंडबॉल के मशहूर खिलाड़ी हरभजन सिंह (जमशेदपुर निवासी) खेल विभाग की कारगुजारी से परेशान हैं. वह झारखंड बास्केटबॉल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी हैं.
उनका कहना है कि 2015 में खेल आयोजनों के लिए खेल विभाग की ओर से एसोसिएशन को 3.5 लाख रुपये दिये गये. बाद में उन्होंने विभाग को उक्त पैसे का उपयोगिता प्रमाणपत्र सौंप दिया. जुलाई 2019 में फिर से खेल विभाग ने पत्र भेज कर दोबारा उपयोगिता प्रमाणपत्र मांगा. ऐसा न करने पर कार्रवाई की धमकी दी. इससे आहत होकर हरभजन सिंह खेल निदेशक से मिले. उन्हें पूरी बात बतायी और अपनी बेटी की शादी के लिए रखे पैसे में से चार लाख रुपये का चेक दिया.
हालांकि उन्हें चेक लौटा दिया गया, पर परेशानियों का अंत नहीं हुआ. हरभजन सिंह कहते हैं कि चेक लौटा दिये जाने के बावजूद कुछ अधिकारी खेल विभाग पर दबाव बना कर फिर उपयोगिता प्रमाणपत्र देने की बात कह रहे हैं. इसलिए मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख इंसाफ दिलाने की गुहार लगायी है.
खेल विभाग के पत्र और मेरे ऊपर लगाये गये आरोपों से मैं परेशान हो चुका हूं. मैंने ओलिंपिक में बास्केटबॉल और हैंडबॉल में देश का प्रतिनिधित्व किया है. झारखंड के पुलिस विभाग के एक अधिकारी मेरे पीछे पड़े हुए हैं और उसके कारण मैं हर दिन परेशान होता हूं. खेल विभाग पर भी दबाव डलवा कर मेरी परेशानी बढ़ायी जा रही है.
हरभजन सिंह, ओलिंपियन

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