रांची : हर माह दूसरे बुधवार को लगता है समाधान कैंप, बीमा धारकों को नहीं इसकी जानकारी

जानकारी के अभाव में डिस्पेंसरी के चक्कर लगाते रहते हैं बीमा धारक डिस्पेंसरी के संबंधित कर्मचारी नहीं करतेहैं बीमा धारकों का मार्गदर्शन रांची : कर्मचारी राज्य बीमा निगम आदर्श अस्पताल (इएसआइ) नामकुम में बीमा धारकों की समस्या के निदान के लिए हर महीने के बुधवार को कैंप का आयोजन किया जाता है, लेकिन बीमा धारकों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2019 6:23 AM
जानकारी के अभाव में डिस्पेंसरी के चक्कर लगाते रहते हैं बीमा धारक
डिस्पेंसरी के संबंधित कर्मचारी नहीं करतेहैं बीमा धारकों का मार्गदर्शन
रांची : कर्मचारी राज्य बीमा निगम आदर्श अस्पताल (इएसआइ) नामकुम में बीमा धारकों की समस्या के निदान के लिए हर महीने के बुधवार को कैंप का आयोजन किया जाता है, लेकिन बीमा धारकों को इसकी जानकारी नहीं है. बीमा धारक अपनी समस्या लेकर डिस्पेंसरी का चक्कर लगाते रहते हैं, लेकिन वहां के संबंधित कर्मचारी उनका मार्ग दर्शन नहीं करते हैं.
बीमा धारकों को डिस्पेंसरी आने पर यही कहा जाता है कि पूछताछ करते रहिये. जब आपका पैसा आ जायेगा, तो जानकारी दे दी जायेगी. यही कारण है कि जानकारी के अभाव में बीमा धारक डिस्पेंसरी में महीनों चक्कर लगाते रहते हैं.
वहीं, समाधान कैंप से जुड़े कर्मचारियों का कहना है कि बीमा धारक अगर अपनी समस्या को यहां आकर पंजीकृत कराता है, तो दो से तीन दिन में उसकी समस्या का निदान कर दिया जाता है. मातृत्व अवकाश का पैसा नहीं मिलने व दवा की खरीद के रूप में खर्च किये गये पैसा शिकायत के तुरंत बाद बीमा धारक के खाता में चला जाता है.
बीमाधारक ने की शिकायत, लेकिन तब भी नहीं हुई सुनवाई : एचइसी क्षेत्र की रहनेवाली एक महिला लाभुक (निजी स्कूल में शिक्षक) के मातृत्व अवकाश का पैसा छह माह से फंसा हुआ है.
महिला ने नामकुम स्थित कैंप में जाकर अपने मातृत्व अवकाश का पैसा नहीं मिलने की शिकायत की थी, लेकिन दो माह बाद भी पैसा नहीं मिला. डिस्पेंसरी में कहा जाता है कि मातृत्व अवकाश का फिटनेस कराते समय अस्पताल की मूल प्रति जमा करना है. वहीं, स्थानीय कार्यालय भी अस्पताल के कागज की मूल प्रति मांगता है. अस्पताल द्वारा एक ही मूल प्रति दी जाती है. ऐसे में हम दो मूल प्रति कहां से जमा कर पायेंगे.
समस्या के निदान को और सरल बनाया जायेगा
समाधान कैंप में शिकायत करने पर मुश्किल से एक सप्ताह में समस्या का निबटारा कर दिया जाता है. वैसे लाभुकों को दिक्कत होती है, जो संबंधित कागजात पूरी तरह से जमा नहीं कर पाते हैं. हालांकि, समस्या के निदान को और सरल बनाने का प्रयास किया जा रहा है.
डॉ एसके मिश्रा, डिप्टी डायरेक्टर, इएसआइ

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