झारखंड, बिहार व यूपी के 50 से अधिक कामगारों को छत्तीसगढ़ में ठेकेदार ने बनाया बंधक
रांची : बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के 50 से 60 कामगारों को छत्तीसगढ़ की एक कंपनी में कथित रूप से बंधक बना लिया गया है. कामगारों पर ठेकेदार ने मारपीट का आरोप लगाकर उनका वेतन रोक दिया और स्थानीय बदमाशों से पिटवाने का प्रयास किया. यह आरोप बंधकों में से एक घूरन यादव का […]
रांची : बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के 50 से 60 कामगारों को छत्तीसगढ़ की एक कंपनी में कथित रूप से बंधक बना लिया गया है. कामगारों पर ठेकेदार ने मारपीट का आरोप लगाकर उनका वेतन रोक दिया और स्थानीय बदमाशों से पिटवाने का प्रयास किया. यह आरोप बंधकों में से एक घूरन यादव का है. ‘प्रभात खबर’ से फोन पर बातचीत में घूरन ने कहा कि हमलोग यहां बुरी तरह फंसे हुए हैं और यहां का प्रशासन भी हमारी मदद नहीं कर रहा है.
घूरन ने बताया कि वे लोग छत्तीसगढ़ के महापल्ली में इंडो एग्रो कंपनी में लोहे की चादर बनाने का काम करते हैं. ठेेकेदार अजय चौरसिया और विजय चौरसिया जो गोपालगंज के रहने वाले हैं, उनलोगों ने कामगारों साथ मारपीट की है. घूरन ने बताया कि एक छोटे से बात पर कामगारों के इंचार्ज छपरा निवासी विशाल सिंह के साथ अजय और विजय चौरसिया के भाई राजेश चौरसिया ने मारपीट की.
इस बात की जानकारी जब अजय और विजय चौरसिया को मिली तो वे लोग शुक्रवार देर शाम कंपनी के प्लांट में पहुंचकर अपने निजी सुरक्षाकर्मियों से विशाल सिंह की खूब पिटाई करवायी. विशाल को बचाने जब अन्य मजदूर वहां गये तो उनके साथ भी मारपीट की गयी. इससे गुस्साए विशाल ने काम छोड़ने का फैसला लिया और वह वहां से वापस बिहार आने की बात करने लगा.
इसपर ठेकेदार बंधुओं ने उन्हें प्लांट से बाहर निकलने पर जान से मारने की धमकी दी. साथ ही कामगारों को भी नौकरी छोड़कर भाग जाने को कहा. ठेकेदार कामगारों का पैसा भी देने से इनकार कर रहा है. इतना ही नहीं कथित रूप से उन्हें मारने-पीटने के लिए प्लांट के बाहर कुछ बदमाशों को भी छोड़ रखा है.
घूरन ने कहा कि इस बाबत शनिवार को शाम में स्थानीय थाना चक्रधरनगर को सूचना दी गयी, साथ ही रायगढ़ जिले के एसपी से भी उनलोगों ने बात की, लेकिन देर रात तक कोई सहायता नहीं मिली. सभी कामगारों ने अपने-अपने राज्य के सरकारों से आग्रह किया है कि उनको यहां से मुक्त कराकर वापस बुलवाया जाए, जिससे वे अपने परिवार से मलि सकें. साथ ही उनलोगों ने जितने दिन काम किया है, उतने दिनों के पैसे का भुगतान ठेेकेदार से करवायी जाए.