अब इंजीनियरों को लिखनी होगी डायरी
रांची : जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों के लिए रोज डायरी लिखना अनिवार्य कर दिया गया है. विभाग के मुख्य अभियंता से लेकर कनीय अभियंता तक को एक डायरी दी गयी है. अभियंताओं को डायरी में दैनिक कार्यों का पूरा ब्योरा रोज लिखना जरूरी है. उसके बाद सभी को प्रतिदिन डायरी के संबंधित पेज का […]
रांची : जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों के लिए रोज डायरी लिखना अनिवार्य कर दिया गया है. विभाग के मुख्य अभियंता से लेकर कनीय अभियंता तक को एक डायरी दी गयी है. अभियंताओं को डायरी में दैनिक कार्यों का पूरा ब्योरा रोज लिखना जरूरी है. उसके बाद सभी को प्रतिदिन डायरी के संबंधित पेज का फोटो लेकर उसे व्हाट्सअप पर डालना है.
इंजीनियरों की डायरी कार्य में लापरवाही का आरोप लगने के बाद सबूत माना जा रहा है. ताजा मामले में कोनार डैम की नहर टूटने की घटना में आरोपी अभियंताओं को संबंधित दिन की डायरी का ब्योरा देने को कहा गया था. अभियंताओं की डायरी में डैम के रेगुलेटरी गेट के अनिवार्य निरीक्षण के संबंध में कुछ भी अंकित नहीं था. इसे उनकी लापरवाही का सबूत मानते हुए घटना के लिए जिम्मेवार ठहराया गया और निलंबन की कार्रवाई शुरू की गयी.
शिक्षकों को भी दी गयी है डायरी
राज्य के शिक्षकों को भी डायरी दी गयी है. उन्हें प्रतिदिन अपनी गतिविधियां अंकित करने का निर्देश दिया गया है. डायरी में पठन-पाठन की अवधि से लेकर अन्य शैक्षणिक गतिविधियों का उल्लेख करना है.
तटबंध टूटने में इंजीनियर दोषी नहीं : संघ
रांची. झारखंड डिप्लोमा अभियंता संघ ने कोनार नहर के दायें तटबंध के टूटने के मामले में इंजीनियरों को निर्दोष बताया है. संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि इस मामले में वहां कार्यरत इंजीनियर दोषी नहीं हैं. इस घटना के बाद संघ के केंद्रीय पदाधिकारियों का एक दल घटनास्थल पर पहुंचा. वहां पूरे मामले की जांच की.
इसके बाद संघ की ओर से कहा गया कि अज्ञात ग्रामीणों ने स्केप चैनल के नीचे लगे गेट को अपनी फसल बचाने के लिए बंद कर दिया था. इससे अत्यधिक जलजमाव हो गया, जिससे तटबंध टूट गया. इस मामले में इंजीनियरों पर सख्त निर्णय लिया गया, तो संघ इसका विरोध करेगा.
डायरी के संबंधित पेज का फोटो लेकर व्हाट्सअप पर डालना होगा
विभाग के मुख्य अभियंता से लेकर कनीय अभियंता तक को डायरी दी गयी है मुख्य से लेकर कनीय अभियंता तक को अनिवार्य रूप से डायरी लिखने के लिए कहा गया है. डायरी से अभियंताओं के कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग करने में भी काफी सुविधा होगी.
अरुण कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, जल संसाधन