आंगनबाड़ी कर्मियों ने परिणाम भुगतने की चेतावनी दी, विधायक आवास घेरेंगी
रांची : 16 अगस्त से मांगों के समर्थन में आंदोलनरत आंगनबाड़ी कर्मियों (सेविका व सहायिका) ने शनिवार को हरमू मैदान में महापंचायत की. राज्य के सभी जिलों से बड़ी संख्या में रांची पहुंची इन कर्मियों ने इस कार्यक्रम के जरिये अपनी मांगें पूरी करने के लिए विभाग व सरकार को त्वरित कार्रवाई करने अन्यथा परिणाम […]
रांची : 16 अगस्त से मांगों के समर्थन में आंदोलनरत आंगनबाड़ी कर्मियों (सेविका व सहायिका) ने शनिवार को हरमू मैदान में महापंचायत की. राज्य के सभी जिलों से बड़ी संख्या में रांची पहुंची इन कर्मियों ने इस कार्यक्रम के जरिये अपनी मांगें पूरी करने के लिए विभाग व सरकार को त्वरित कार्रवाई करने अन्यथा परिणाम भुगतने की चेतावनी दी.
घोषणा की गयी कि तीन सितंबर से आंगनबाड़ी कर्मी अपने-अपने इलाके में विधायकों का घेराव कर उन्हें मांग पत्र देंगी. वहीं, राजभवन के समक्ष हड़ताल जारी रहेगी. दिन के 11 बजे से शाम चार बजे तक चले इस महापंचायत को संघ के पदाधिकारियों वीणा सिन्हा, फूलमती देवी, सीता तिग्गा, बालोमनी बाखला, ग्रेस होरो, रामचंद्र पासवान व बालमुकुंद सिन्हा ने संबोधित किया.
गौरतलब है कि झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन तथा अांगनबाड़ी कर्मचारी संघ के संयुक्त तत्वावधान में 16 अगस्त से राजभवन के समक्ष आंगनबाड़ी कर्मियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल सह धरना-प्रदर्शन जारी है. शुक्रवार को इन कर्मियों ने हरमू स्थित भाजपा कार्यालय का घेराव कर अपना मांग पत्र सौंपा था.
मुख्यमंत्री से उन्होंने मांग की थी कि समय रहते उनकी मांगे पूरी की जाये. संघ का आरोप है कि पांच जून 2018 को समाज कल्याण सचिव के साथ हुए समझौते की खुद सरकार अनदेखी कर रही है. समझौता के अनुसार संबंधित कैलेंडर वर्ष में ही आंगनबाड़ी कर्मियों की मांग पर निर्णय कर लेने की बात कही गयी थी, जो पूरी नहीं हुई.
आंगनबाड़ी कर्मियों की मांगें
- सेविका व सहायिका सहित पोषण सखी की सेवा में सुधार की जाये.
- इन कर्मियों की सेवा नियमावली बनायी जाये .
- सेविका को 24 हजार तथा सहायिका को 12 हजार वेतन दिया जाये.
- इन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित कर इन्हें तृतीय व चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाये.
- दिल्ली, हरियाणा, यूपी व बिहार की तर्ज पर राज्य की आंगनबाड़ी कर्मियों की भी सेवानिवृत्ति उम्र 65 वर्ष की जाये.
- आंगनबाड़ी कर्मियों के असमय निधन पर उनकी बहू-बेटी को अनुकंपा पर काम मिले.
- लघु आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका को उनके लिए घोषित मानदेय मिले.
- आंगनबाड़ी कर्मियों को मनमाने तरीके से काम से हटाने पर पाबंदी लगे.
- सेविकाओं को भी केंद्र
- से परियोजना तक आने-जाने के लिए यात्रा भत्ता दिया जाये.
- सरकार के साथ पांच जून को हुआ समझौता लागू किया जाये.