रांची : हमें अपनी जरूरतों को कम करना होगा: अरुण ओझा

रांची : आज की अर्थव्यवस्था ऐसी है कि बाजार में माल भरा पड़ा है, लेकिन खरीदार नहीं हैं. जब तक मनुष्य की आवश्यकता कम नहीं होगी, तब तक अर्थव्यवस्था सफल नहीं हो सकती है. जरूरी है कि हम लोग अपनी आवश्यकताओं को कम करें. ये बातें स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक अरुण ओझा ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2019 1:23 AM
रांची : आज की अर्थव्यवस्था ऐसी है कि बाजार में माल भरा पड़ा है, लेकिन खरीदार नहीं हैं. जब तक मनुष्य की आवश्यकता कम नहीं होगी, तब तक अर्थव्यवस्था सफल नहीं हो सकती है. जरूरी है कि हम लोग अपनी आवश्यकताओं को कम करें.
ये बातें स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक अरुण ओझा ने रविवार को हरमू रोड स्थित दिगंबर जैन भवन में कहीं. श्री ओझा स्वदेशी जागरण मंच के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय प्रांत सम्मेलन के समापन समारोह में बोल रहे थे.
गलत आर्थिक नीतियों से चल रहा मंदी का चक्र : उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्द्धा कभी स्वस्थ नहीं होती है. यह केवल होड़ मचाती है. मंदी का चक्र पिछले 70 सालों की गलत आर्थिक नीतियों के कारण चल रहा है.
विकास के लिए जो रास्ता चुनना था, उससे भटक गये हैं. इस देश की जनता को कुछ नहीं चाहिए, बल्कि कॉरपोरेट को सारी सुविधाएं चाहिए. हमें सोचना होगा कि आखिर कौन-सा रास्ता अपनाया गया कि मंदी आयी. पूंजीवाद के गर्भ में ही मंदी का शिशु पलता है.
मौके पर राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल, क्षेत्रीय संयोजक सचिंद्र बरियार, रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा, प्रांत संयोजक राजेश उपाध्याय, जिला संयोजक आलोक कुमार, जिला सह संयोजक रंजीत सिंह गहलौत, इंदु पराशर और मेला संयोजक प्रेम मित्तल आदि उपस्थित थे.

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