बेड़ो : भाग नहीं सकी वृद्धा, हाथी ने ली जान

बेड़ो : बेड़ो वन क्षेत्र के दीघा पत्तरा जंगल के समीप खुखड़ी चुनने गयी सीता उरांइन (68 वर्ष) को हाथी ने पैरों से कुचल कर मार डाला जबकि उससे कुछ दूरी पर खुखड़ी चुन रही सुशीला उरांव ने भाग कर जान बचायी. घटना सोमवार अहले सुबह की है. सीता उरांइन (पति स्व केड़या उरांव) चरिमा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 3, 2019 9:29 AM
बेड़ो : बेड़ो वन क्षेत्र के दीघा पत्तरा जंगल के समीप खुखड़ी चुनने गयी सीता उरांइन (68 वर्ष) को हाथी ने पैरों से कुचल कर मार डाला जबकि उससे कुछ दूरी पर खुखड़ी चुन रही सुशीला उरांव ने भाग कर जान बचायी. घटना सोमवार अहले सुबह की है.
सीता उरांइन (पति स्व केड़या उरांव) चरिमा गांव की रहने वाली थी. पुलिस ने सीता उरांइन का शव पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा दिया है. घटना की जानकारी मिलने पर मुखिया बुधराम बाड़ा व वन क्षेत्र पदाधिकारी रामाशीष कुमार सिंह हाथी भगाओ टीम के साथ पहुंचे. टीम हाथी पर नजर रखे हुए है.
वन क्षेत्र पदाधिकारी ने मृतक के परिजन को तत्काल 20 हजार रुपये सहायता राशि उपलब्ध करायी. शेष मुआवजा राशि कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद देने की बात कही. इधर, क्षेत्र में हाथियों का झुंड पहुंचने से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है.
सूड़ में लपेट कर पटका व कुचल दिया : जानकारी के अनुसार सीता उरांइन गांव की कुछ महिलाअों के साथ दीघा पत्तरा जंगल के किनारे खुखड़ी चुन रही थी. इसी दौरान जंगल की ओर से हाथियों का झुंड निकला. हाथियों को देख अन्य महिलाएं शोर मचाते हुए भाग निकलीं, परंतु सीता वृद्ध होने के कारण भाग नहीं सकी. झुंड के एक बड़े हाथी ने सीता उरांइन को सूड़ में लपेट कर पटक दिया व पैरों से कुचल डाला. जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गयी.
हाथी प्रभावितों के लिए है मुआवजा का प्रावधान
सरकार जंगली हाथी द्वारा जान-माल, फसल, पालतू जानवर व मकान की क्षति पर सम्यक समीक्षा के उपरांत मुआवजा राशि देती है.
मनुष्य की मौत होने पर चार लाख, गंभीर रूप से घायल होने पर एक लाख, हल्का घायल होने पर 15 हजार, स्थायी रूप से अपंग होने पर दो लाख, पूर्ण रूप से मकान क्षतिग्रस्त होने पर एक लाख 30 हजार, गंभीर रूप से पक्का मकान क्षतिग्रस्त होने पर 40 हजार, कच्चे मकान के लिए 20 हजार, साधारण रूप से मकान क्षतिग्रस्त होने पर 10 हजार, भंडारित अनाज के नुकसान होने पर 1600 रुपये प्रति क्विंटल व अधिकतम आठ हजार रुपये मुआवजा का प्रावधान है. कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद वन विभाग द्वारा लाभुक को पूरी राशि का भुगतान किया जाता है.
हाल के दिनों में बढ़ा है हाथियों का उत्पात
हाल के दिनों में बेड़ो, लापुंग, चान्हो, मांडर व मैक्लुस्कीगंज सहित इनसे सटे प्रखंडों में हाथियों का उत्पात बढ़ा है. यहां हाथी कुछ-कुछ दिनों के अंतराल पर लगातार जान-माल को नुकसान पहुंचा रहे हैं. दर्जनों घरों को क्षतिग्रस्त कर अनाज चट कर चुके हैं. फसलों को बर्बाद किया है.
हाथियों ने 27 अगस्त को चान्हो प्रखंड के चारा बरगढ़ा में फगुवा उरांव को कुचलकर मार दिया था. हाथियों के गांव में घुसने व लगातार घरों को नुकसान पहुंचा कर अनाज खाने को लेकर वन विभाग के लोगों का कहना है कि जंगली हाथियों को धान, चावल व महुआ खाने का चस्का लग चुका है. वह खाने के ही लालच में गांव में घुस रहे हैं. खदेड़े जाने पर गुस्से में लोगों को निशाना बना रहे हैं.

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