अब्दुल हमीद को मिला था राष्ट्रपति पुरस्कार

रातू : राष्ट्रपति पुरस्कार से मरणोपरांत सम्मानित शिक्षाविद् अब्दुल हमीद रातू आमटांड़ निवासी मोहम्मद अली के पुत्र थे. 16 अगस्त 2001 को उनका स्वर्गवास हो गया. वह राजकीय उर्दू मध्य विद्यालय हिंदपीढ़ी से प्राचार्य के पद से सेवानिवृत्त हुए. दो फरवरी 1941 को बेहद गरीब परिवार में जन्मे अब्दुल हमीद ने शिक्षा के क्षेत्र में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2019 7:05 AM

रातू : राष्ट्रपति पुरस्कार से मरणोपरांत सम्मानित शिक्षाविद् अब्दुल हमीद रातू आमटांड़ निवासी मोहम्मद अली के पुत्र थे. 16 अगस्त 2001 को उनका स्वर्गवास हो गया. वह राजकीय उर्दू मध्य विद्यालय हिंदपीढ़ी से प्राचार्य के पद से सेवानिवृत्त हुए. दो फरवरी 1941 को बेहद गरीब परिवार में जन्मे अब्दुल हमीद ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया.

वह रामनवमी पूजा समिति के अध्यक्ष भी रहे. अब्दुल हमीद महारानी प्रेम मंजरी प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय के संस्थापक सचिव के अलावा महाराजा चिंतामणि शरणनाथ शाहदेव के सलाहकार भी थे. उन्होंने रातू पैलेस से प्रकाशित दिव्य ज्योति नामक पत्रिका का संपादन भी किया. उनकी प्रारंभिक शिक्षा एलपी स्कूल रातू से हुई. सीएन राज हाई स्कूल से मैट्रिक पास किया.

रांची कॉलेज से बीएड करने के बाद उन्होंने हिंदी में एमए किया. वे करीब 40 साल तक शिक्षा जगत से जुड़ इसका प्रचार-प्रसार किया. वह बालिका शिक्षा के पक्षधर थे. समाज के हरेक वर्ग के लोग उनका आदर करते थे. वह बुढ़मू के मक्का हाई स्कूल में पहली बार प्राचार्य के पद पर योगदान दिया था.

अब्दुल हमीद की शादी डोरंडा कचनारटोली में रहनेवाले जुम्मन अली की पुत्री सलमा बानो से हुई थी. वह भी काफी मिलनसार थीं. उनके परिवार में दो पुत्र व एक पुत्री है. अब्दुल गफ्फार सहारा इंडिया रांची में कैशियर हैं तथा अब्दुल रहमान पुलिस इंस्पेक्टर हैं, जो वर्तमान में सीबीआइ रांची में पदस्थापित है. पुत्री नजमा का चान्हो के बलसोकरा में शादी हुई है.

Next Article

Exit mobile version