झारखंड में WhatsApp ग्रुप में बच्चा चोरी का Video वायरल करने वाले ग्रुप एडमिन को पुलिस ने पकड़ा

रांची : यदि आप व्हाट्सऐप ग्रुप (WhatsApp) चलाते हैं, तो सावधान रहिये. आपके ग्रुप में किसी तरह की अफवाह फैली, तो इसके लिए जिम्मेदार मानकर पुलिस आपको गिरफ्तार कर सकती है. झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची (Ranchi) में एक ऐसा मामला सामने आया है. जी हां, रांची में बच्चा चोरी की झूठी खबर का वीडियो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 9, 2019 1:33 PM
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रांची : यदि आप व्हाट्सऐप ग्रुप (WhatsApp) चलाते हैं, तो सावधान रहिये. आपके ग्रुप में किसी तरह की अफवाह फैली, तो इसके लिए जिम्मेदार मानकर पुलिस आपको गिरफ्तार कर सकती है. झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची (Ranchi) में एक ऐसा मामला सामने आया है. जी हां, रांची में बच्चा चोरी की झूठी खबर का वीडियो व्हाट्सऐप ग्रुप (WhatsApp Group) में वायरल (Viral) करने वाले दो एडमिन को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.दोनों ‘क्राइम कंट्रोल न्यूज’ के एडमिन को बाद में हिदायत देकर छोड़ दिया गया.

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दरअसल, धुर्वा क्षेत्र में रविवार को एक वीडियो वायरल (Viral Video) हो गया, जिसमें ग्रुप का एक एडमिन (Admin) बच्चे से पूछ रहा है कि उसे कौन चुराकर ले जा रहा था. बताया गया है कि एडमिन (Admin) ने अपनी मर्जी के अनुसार बच्चे को जवाब देने के लिए तैयार किया था. वह सवाल पूछ रहा था, और जवाब उसी के अनुरूप आ रहा था. इसके बाद वीडियो को एडमिन ने अपने ग्रुप में डाल दिया. देखते ही देखते यह Video वायरल हो गया. वायरल वीडियो सीआइडी टीम के पास भी पहुंच गयी. टीम को प्रथम दृष्ट्या यह वीडियो फर्जी लगा.

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वीडियो सीआइडी के बड़े अधिकारियों तक भी पहुंचा. इसके साथ ही झूठी खबर फैलाने के मामले में एक्शन शुरू हो गया. जांच में पुलिस ने पाया कि फर्जी वीडियो को जान-बूझकर प्रसारित किया गया. सूत्रों के अनुसार, सीआइडी (CID) के अधिकारी के निर्देश पर रांची के एसएसपी (SSP) ने संबंधित थाना प्रभारी को अफवाह फैलाने वाले ग्रुप एडमिन पर कार्रवाई करने के निर्देश दिये. धुर्वा थाना के प्रभारी राजीव कुमार ने दोनों एडमिन को हिरासत में लेकर पूछताछ की और बाद में हिदायत देकर छोड़ दिया.

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एसएसपी से निर्देश मिलते ही पुलिस ने ग्रुप के दो एडमिन को हिरासत में लिया गया. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि बच्चा चोरी की अफवाह के मामले में कई लोगों की जानें जा चुकी हैं. कई निर्दोष लोगों की भीड़ ने पिटाई कर दी है. झारखंड को बदनाम करने वाले मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से पुलिस ने सोशल मीडिया पर अफवाह उड़ाने वालों पर नजर रखने के लिए कई एजेंसियों को सक्रिय कर रखा है.

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