रांची : सब्सिडी मिलने के बाद भी बंद हैं 10 फर्नेस फैक्ट्रियां
सुनील चौधरी इस्पात उद्योग चलानेवालों को आशंका, चार माह बाद सब्सिडी मिलेगी या नहीं रांची : एक ही राज्य में बिजली की दो दरें होने के विरोध में एक अगस्त से झारखंड के 29 इस्पात उद्योग (फर्नेंस और इंडक्शन प्लांट) बंद थे. राज्य सरकार द्वारा बिजली दर में 1.25 रुपये प्रति यूनिट की सब्सिडी दिये […]
सुनील चौधरी
इस्पात उद्योग चलानेवालों को आशंका, चार माह बाद सब्सिडी मिलेगी या नहीं
रांची : एक ही राज्य में बिजली की दो दरें होने के विरोध में एक अगस्त से झारखंड के 29 इस्पात उद्योग (फर्नेंस और इंडक्शन प्लांट) बंद थे. राज्य सरकार द्वारा बिजली दर में 1.25 रुपये प्रति यूनिट की सब्सिडी दिये जाने के बाद जमशेदपुर की 20 में से 10 फर्नेंस फैक्ट्रियां अब भी बंद हैं. वहीं, रामगढ़ में सभी छह फैक्ट्रियां खुल चुकी हैं. दरअसल, इन कंपनियों ने इस आशंका में उत्पादन शुरू नहीं किया है कि चार माह बाद सब्सिडी मिलेगी या नहीं.
मामला यह था कि झारखंड राज्य विद्युत नियमाक आयोग द्वारा जेबीवीएनएल के लिए इसी वर्ष टैरिफ का निर्धारण किया गया. एचटीएस कैटगरी की दर 5.50 रुपये प्रति यूनिट निर्धारित की गयी, जो पूर्व की दर तीन रुपये के करीब से लगभग दोगुनी है. जबकि झारखंड में डीवीसी की बिजली दर 2.95 रुपये प्रति यूनिट ही है. उद्यमियों को इससे प्रतिमाह 35 लाख रुपये का नुकसान हो रहा था. इस कारण एक अगस्त से इन्होंने अपना उत्पादन बंद कर दिया.
राज्य सरकार ने 1.25 रुपये की सब्सिडी दी : उद्यमियों की समस्या को देखते हुए ऊर्जा विभाग ने संकल्प जारी कर कहा कि झारखंड के एचटीएसएस श्रेणी के 40 फर्नेंस उद्योगों को अगस्त माह से 1.25 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बिल में सब्सिडी दी जायेगी. ऊर्जा विभाग द्वारा 21 अगस्त को जारी संकल्प में लिखा गया है कि प्रारंभ में झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के अंतर्गत सभी एचटीएसएस उपभोक्ताओं को चार महीने की अवधि के लिए टैरिफ सब्सिडी दी जायेगी, चाहे उनका भौगौलिक क्षेत्र जो भी हो.
चार महीने के बाद झारखंड बिजली वितरण निगम के उस क्षेत्र एचटीएसएस उपभोक्ताओं को सब्सिडी नहीं दी जायेगी, जहां जुस्को अथवा डीवीसी का नेटवर्क उपलब्ध है. गौरतलब है कि सरकार के उद्योग विभाग ने लिखा था कि राज्य में फर्नेंस के ऐसे 40 उद्योग हैं. इनके द्वारा 1371.85 करोड़ का कारोबार किया जाता है. विभाग द्वारा तत्काल एचटीएसएस के उपभोक्ताओं को रियायत देने की अनुशंसा की गयी थी. इसके बाद कैबिनेट में सब्सिडी देने के प्रस्ताव पर मंजूरी दी गयी.
सब्सिडी के बाद भी एक रुपये प्रति यूनिट महंगी है बिजली
झारखंड फर्नेंस एसोसिएशन के कार्यकारी सदस्य और गैलेक्सी एक्सपोर्ट जमशेदपुर के संचालक हर्ष कंसल का कहना है कि सब्सिडी के बावजूद डीवीसी से टैरिफ एक रुपये प्रति यूनिट अब भी अधिक है.
दूसरी बात है कि सरकार ने केवल चार माह की बात कही है. अगस्त माह समाप्त हो गया है. ऐसे में चार माह बाद सब्सिडी मिलेगी या नहीं इसे लेकर उद्यमी आशंकित है. जिसके चलते जमशेदपुर के 10 उद्योगों ने ही उत्पादन शुरू किया है, पर आगे ये चलायेंगे या नहीं, कोई नहीं जानता. 10 उद्योग अब भी बंद हैं. इनमें प्रमुख रूप से गैलेक्सी एक्सोपोर्ट, गुलमोहर स्टील, पंसारी स्टील, हिमाद्री स्टील, सुखसागर स्टील व लार्ड बालाजी जैसे उद्योग हैं.
डीवीसी से बिजली लेनेवाले का उत्पाद सस्ता
रामगढ़ स्थित वैष्णवी फेरो टेक स्टील प्लांट के मालिक व झारखंड स्टील फर्नेस एसोसिएशन रामगढ़ शाखा के अध्यक्ष राधेश्याम अग्रवाल ने बताया कि रामगढ़ में ही डीवीसी से बिजली लेनेवाले का उत्पाद सस्ता पड़ रहा है. सरकार ने जो सब्सिडी दी है, वह अभी एक रुपये अधिक है. रामगढ़ में उद्यमियों के पास विकल्प मौजूद है. पर फैक्ट्री को ज्यादा दिनों तक बंद रखने से फैक्ट्री का दाम कूड़े के भाव में चला जायेगा.