झारखंड : पीएम मोदी ने किया देश की पहली पेपरलेस विधानसभा का उद्घाटन, जानें भवन में क्या है खास
झारखंड के लिए आज गौरव का क्षण है. 19 साल का इंतजार आज खत्म हुआ है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रांची में भव्य विधानसभा के नये भवन का उद्घाटन किया.विधानसभा का नया भवन भविष्य को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है. भविष्य में झारखंड विधानसभा की सीटों के बढ़ने पर विधायकों को […]
झारखंड के लिए आज गौरव का क्षण है. 19 साल का इंतजार आज खत्म हुआ है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रांची में भव्य विधानसभा के नये भवन का उद्घाटन किया.विधानसभा का नया भवन भविष्य को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है. भविष्य में झारखंड विधानसभा की सीटों के बढ़ने पर विधायकों को सदन में बैठने के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं करनी होगी. वर्तमान में विधानसभा की 81 सीटें हैं. नये भवन में विधायकों की सीटों को बढ़ा कर लगभग दोगुना कर दिया गया है.
चारों तल्ले कीडिजाइन एक समान
विधानसभा के चारों तल्ले की डिजाइन एक समान है. सेंट्रल विंग विधानसभा का मुख्य भवन है. इसमें 150 सीटों का सदन, 400 सीटों का कांफ्रेंस हॉल व सुरक्षाकर्मियों के विश्राम कक्ष से लेकर गार्ड रूम भी बनाये गये हैं. सेंट्रल विंग के बीच में सदन है. सदन में आसन और रिर्पोटियर डेस्क है. उसके सामने सात लाइन में गोलाकार रूप से विधायकों का सीटिंग अरेंजमेंट है.
सर्विस बिल्डिंग
इलेक्ट्रिकल सब स्टेशन, एसी प्लांट रूम, पुलिस बैरक, मेंटेनेंस रूम, वाटर वर्क्स आदि :3500 वर्गमीटर, 600 किलोवाट बिजली सौर ऊर्जा से मिलेगी, 06 वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाये गये हैं.
नये भवन में 162 विधायकों के बैठने की व्यवस्था की गयी है. इसके अलावा 400 लोंगों की क्षमता वाला एक कांफ्रेंस हाॅल भी है. नये भवन को तीन हिस्से सेंट्रल, ईस्ट और वेस्ट विंग में बांटा गया है. सेंट्रल विंग में विधानसभा सदन होगा. ईस्ट व वेस्ट विंग पर विधानसभा के पदाधिकारियों-कर्मचारियों के लिए कार्यालय होंगे. तीसरे तल्ले पर कैंटीन आदि की सुविधाएं रहेंगी. ग्राउंड फ्लोर में कांफ्रेंस हॉल व सभी विधायकों और कर्मचारियों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होगी.
देश की पहली पेपरलेस विधानसभा
देश की पहली पेपरलेस विधानसभा में जल और ऊर्जा संरक्षण की व्यवस्था होगी. इसकी छत पर झारखंडी संस्कृति की झलक दिखेगी. यहां आगंतुकों के लिए गैलरी बनायी गयी है. विधानसभा में सौर ऊर्जा से भी बिजली की आपूर्ति होगी. यह भवन विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त हरित भवन की अवधारणा को पूर्ण करता है. मुख्य भवन में 600 किलोवाट बिजली की आपूर्ति सौर ऊर्जा से मिलेगी. यह आपूर्ति आंतरिक और बाहय आवश्यक्ताओं की 15 प्रतिशत प्रतिपूर्ति करेगी. भवन में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है. वहीं वर्षा जल संचयन हेतु भूमि छह रिचार्ज पिट लगाये गये हैं.