साहित्यकारों के लिए बनेगा हिंदी भवन : रघुवर दास

रांची : स्व भाषा से ही भारत विश्व गुरु बनेगा. इसके माध्यम से ही स्वाभिमान भारत का निर्माण होगा. साहित्यकारों और रचनाकारों के लिए हिंदी भवन बनाया जायेगा. तीन माह के अंदर इसका शिलान्यास होगा. यह बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कही. वह शनिवार को प्रोजेक्ट भवन में कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2019 12:46 AM

रांची : स्व भाषा से ही भारत विश्व गुरु बनेगा. इसके माध्यम से ही स्वाभिमान भारत का निर्माण होगा. साहित्यकारों और रचनाकारों के लिए हिंदी भवन बनाया जायेगा. तीन माह के अंदर इसका शिलान्यास होगा. यह बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कही. वह शनिवार को प्रोजेक्ट भवन में कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग की अोर से आयोजित हिंदी दिवस समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि अपनी भाषा से ही राष्ट्र का विकास संभव है. कहा कि दूसरी भाषा का भी आदर करें. हस्ताक्षर भी हिंदी में करें. उन्होंने घर में मां शब्द बोलने काे बढ़ावा देने पर बल दिया. मुख्यमंत्री ने इंडिया की जगह भारत व िहंदुस्तान बोलने को कहा.

सरकारी पत्रों से हिंदी के जटिल शब्द हटायें : सचिव कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग अजय कुमार सिंह ने सरकारी अफसरों से कहा कि वे सरकारी पत्रों में से हिंदी के जटिल शब्द हटायें, साहित्यकार डॉ हरेराम त्रिपाठी चेतन ने कहा कि हमारे यहां हिंदी की क्या स्थिति है, उसका आकलन होना चाहिए. वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. माया प्रसाद ने कहा कि हिंदी ही वह भाषा है, जिसने देश को एक सूत्र में बांध रखा है.
लघु कथा व निबंध लेखन के लिए मिला सम्मान : लघु कथा लेखन में रोशनी कुमारी, हर्षिनी शंकर व सेजल तिवारी को प्रथम, सृष्टि कुमारी, आराधना दुबे व मानस दीप्त को द्वितीय और मेघा कुमारी, आकृति सोरेंग एवं आर्य झा को तृतीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया.
वहीं निबंध लेखन के लिए अजय कुजूर को प्रथम, धनंजय कुमार मिश्र को द्वितीय एवं दिलीप कुमार कर्ण को तृतीय पुरस्कार दिया गया. मौके पर श्रम विभाग के सचिव राजीव वरुण एक्का, विधि सचिव सहित अन्य उपस्थित हुए. समारोह के दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन भी हुआ. इसमें श्याम दुबे, डॉ टी झा, बसंत जोशी, सूरज श्रीवास्तव सहित अन्य कवियों ने भाग लिया.
प्रोजेक्ट भवन में आयोजित िहंदी दिवस समारोह में मुख्यमंत्री ने कई घोषणाएं की
राजभाषा विभाग में संविदा या मानदेय पर अनुवादक रखें
किसी भी तरह के संकल्प, दिशा-निर्देश अगर अंग्रेजी में जारी किये गये हों, तो उसका हिंदी में अनुवाद करायें
अगले साल मोरहाबादी मैदान में करें कवि सम्मेलन, स्थानीय व बाहर के भी कवियों को बुलायें
हस्ताक्षर हिंदी में करें
इंडिया की जगह भारत या हिंदुस्तान बोलें

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