बरही-कोडरमा फोर लेन के मामले में भू-राजस्व सचिव ने कोडरमा डीसी को लिखा पत्र, कहा भूमि अधिग्रहण चिंतनीय नहीं
रांची : राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव केके सोन ने बरही-कोडरमा फोर लेन सड़क के लिए डेढ़ साल बाद भी जमीन नहीं उपलब्ध कराने को गंभीरता से लिया है. उन्होंने कोडरमा के उपायुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि शीर्ष स्तर पर निर्देश मिलने के बाद भी भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई में […]
रांची : राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव केके सोन ने बरही-कोडरमा फोर लेन सड़क के लिए डेढ़ साल बाद भी जमीन नहीं उपलब्ध कराने को गंभीरता से लिया है. उन्होंने कोडरमा के उपायुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि शीर्ष स्तर पर निर्देश मिलने के बाद भी भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई में अत्याधिक विलंब गंभीर चिंता का विषय है. जमीन नहीं मिलने की जानकारी बार-बार एनएचएआइ मुख्यालय से दी जा रही है.
जमीन की अनुपलब्धता की वजह से सड़क चौड़ीकरण का काम अब तक शुरू नहीं हो सका है. सचिव ने यह भी लिखा कि शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर जमीन के मुआवजे का भुगतान हो और जमीन का अधिग्रहण किया जाये. यह काम हर हाल में सितंबर माह में कर लेने के लिए कहा गया है. सचिव ने यह भी लिखा है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हो कि जमीन अधिग्रहण की प्रगति धीमी रहे और इस तथ्य को ऊंचे स्तर पर संज्ञान में लाया जाये.
जनवरी 2018 में दिया था एजेंसी को काम : सचिव ने लिखा है कि एनएचएआइ ने जनवरी 2018 में एनएच 31 पर बरही से कोडरमा तक 27.7 किमी सड़क के फोर लेन का काम एजेंसी को दिया था. 28 फरवरी 2019 को एजेंसी के साथ एकरारनामा भी कर लिया गया है.
क्या है भूमि अधिग्रहण की स्थिति : कोडरमा जिले के 22 मौजा में करीब 25.96 हेक्टेयर भूमि एनएचएआइ को उपलब्ध कराने की जरूरत है. एनएचएआइ के द्वारा जनवरी 2019 में करीब 25 करोड़ रुपये 18 मौजा की जमीन के भुगतान को लेकर दिये गये थे.
सचिव ने लिखा कि इस मामले की समीक्षा में पाया गया है कि अब तक मात्र 1.43 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया जा सका है, जबकि 15 जुलाई को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि एनएचएआइ द्वारा उपलब्ध करायी गयी राशि के विरुद्ध भूमि पर पोजिशन जुलाई तक दे दी जाये. शेष भूमि भी उपलब्ध कराने का निर्देश था, लेकिन जमीन का पोजिशन और चार मौजा का अवार्ड भी जिला स्तर पर लंबित है.