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जेपीएससी के पूर्व अध्यक्ष व चार पर चलेगा मुकदमा
रांची : राज्य सरकार ने व्याख्याता नियुक्ति घोटाले में जेपीएससी के पूर्व अध्यक्ष सहित पांच के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दे दी है. अब इस मामले में जल्द ही आरोप पत्र दायर किये जाने की संभावना है. जिनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिली है, उनमें पूर्व अध्यक्ष दिलीप प्रसाद, सदस्य राधा गोविंद नागेश, शांति देवी और […]
रांची : राज्य सरकार ने व्याख्याता नियुक्ति घोटाले में जेपीएससी के पूर्व अध्यक्ष सहित पांच के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दे दी है. अब इस मामले में जल्द ही आरोप पत्र दायर किये जाने की संभावना है.
जिनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिली है, उनमें पूर्व अध्यक्ष दिलीप प्रसाद, सदस्य राधा गोविंद नागेश, शांति देवी और गोपाल सिंह के अलावा परीक्षा नियंत्रक एलिस उषा रानी सिंह हैं. सीबीआइ ने व्याख्याता नियुक्ति घोटाले की जांच में इनको दोषी मानते हुए अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी. राज्य सरकार ने सीबीआइ की रिपोर्ट की समीक्षा के बाद इन पदाधिकारियों को दोषी मानते हुए अभियोजन की स्वीकृति दे दी है.
सीबीआइ ने दोषी माना : सीबीआइ ने जांच के दौरान साजिश के तहत अयोग्य उम्मीदवारों का नंबर बढ़ा कर उन्हें सफल घोषित करने के लिए इन पदाधिकारियों को दोषी माना है. सफल उम्मीदवारों से जुड़े इंटरव्यू सहित अन्य दस्तावेज की जांच के बाद विधि विज्ञान प्रयोगशाला ने 59 आवेदकों के नंबर बढ़ाये जाने की पुष्टि की थी.
जांच के दौरान इस बात की भी पुष्टि हुई थी कि आयोग के तत्कालीन सदस्य ने इंटरव्यू के लिए बुलाये गये विशेषज्ञों से खाली मार्क्सशीट पर हस्ताक्षर करा कर रख लिया था. बाद में मनपसंद उम्मीदवारों का नंबर बढ़ा कर उन्हें सफल घोषित किया गया. सीबीआइ ने घोटाले की जांच के दौरान नंबर बढ़ा कर सफल घोषित किये गये उम्मीदवारों को भी साजिश में शामिल माना है. इसलिए इनके खिलाफ भी आरोप पत्र दायर किये जाने की संभावना है.
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