जमशेदपुर : घर के बेसमेंट में चलाता था मदरसा, कलीमुद्दीन ने अपने बेटे को भी आतंकी ट्रेनिंग के लिए भेजा था
पुलिस ने किया खुलासा जमशेदपुर/रांची : मानगो स्थित जवाहर नगर रोड नंबर 12 क्राॅस रोड 2 ए जहूर बागान निवासी मौलाना कलीमुद्दीन घर के बेसमेंट में मदरसा चलाता था, जबकि ऊपरी हिस्से में वह परिवार के साथ रहता था. मौलाना के अलावा उसके भाई और किरायेदार रहते थे. पुलिस का कहना है कि मदरसा में […]
पुलिस ने किया खुलासा
जमशेदपुर/रांची : मानगो स्थित जवाहर नगर रोड नंबर 12 क्राॅस रोड 2 ए जहूर बागान निवासी मौलाना कलीमुद्दीन घर के बेसमेंट में मदरसा चलाता था, जबकि ऊपरी हिस्से में वह परिवार के साथ रहता था. मौलाना के अलावा उसके भाई और किरायेदार रहते थे. पुलिस का कहना है कि मदरसा में ही कलीमुद्दीन नवयुवकों को आतंकी संगठन से जोड़ने का काम करता था.
जानकारी के मुताबिक आतंकी संगठन अलकायदा का सदस्य ओड़िशा निवासी मो कटकी अक्सर मौलाना कलीमुद्दीन के घर आता था. कलीमुद्दीन ने अपने बेटे हमजा को कटकी के पास आतंकी संगठन की ट्रेनिंग लेने के लिए भेजा था. वहीं जमशेदपुर से फरार होने के बाद कलीमुद्दीन दक्षिण अफ्रीका में रह रहा था. इसके अलावा गुजरात, दिल्ली, हैदराबाद समेत देश के कई हिस्से में घूम कर संगठन को मजबूत करने में जुटा था. शनिवार को वह ट्रेन से टाटा नगर स्टेशन पहुंचा. इसकी भनक लगते ही एटीएस की टीम ने उसे दबोच लिया. हालांकि उसके हमजा की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है.
16 सितंबर 2017 को हुई थी कुर्की : एटीएस ने 16 सितंबर 2017 को कलीमुद्दीन के घर की कुर्की की थी. उस दौरान एटीएस ने पाया था कि मदरसे में एक सुरंग बना हुआ था. इसके अलावा एटीएस ने आतंकी संगठन से जुड़ी किताबें भी बरामद की थीं.
मालूम हो कि अलकायदा से जुड़े जमशेदपुर के धातकीडीह निवासी मो सामी को 19 जनवरी 2016 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हरियाणा के मेवाड़ से गिरफ्तार किया था. सामी की निशानदेही पर जिला पुलिस ने धातकीडीह से 25 जनवरी 2016 को मो मसूद और आजाद नगर से नसीम अख्तर उर्फ राजू को गिरफ्तार किया था.
नसीम व मसूद के घर से आतंकी संगठन से जुड़े दस्तावेज मिले थे
पुलिस को नसीम के घर से पिस्तौल के साथ-साथ आतंकी संगठन से जुड़े दस्तावेज मिले थे़ वहीं, मो मसूद के घर से भी आतंकी संगठन से जुड़े कागजात पाये गये थे.
इसके बाद बिष्टुपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार के बयान पर बिष्टुपुर थाने में नसीम अख्तर, मो मसूद, मो सामी, मो कटकी, मौलाना कलीमुद्दीन व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने मौलाना कलीमुद्दीन को हिरासत में लिया था. हालांकि पूछताछ के बाद उसे पीआर बांड पर छोड़ दिया गया था. पीआर बांड पर छोड़े जाने के बाद कलीमुद्दीन समेत उसके समर्थक पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाते हुए एसएसपी से शिकायत की थी.
जिसके बाद मामले की जांच का जिम्मा झारखंड एटीएस को सौंपा गया था. एटीएस ने नसीम अख्तर और मो मसूद के 26 साथियों के संबंध में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था, जिसमें मो सामी, मो कटकी, मौलाना कलीमुद्दीन समेत अन्य शामिल थे. इस मामले में कोर्ट ने कलीमुद्दीन के खिलाफ वारंट निर्गत किया था. इस बात की जानकारी होने पर कलीमुद्दीन भाग गया था.