झारखंड टूर कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा, इटखोरी के बौद्ध स्तूप का डिजाइन तैयार, जल्द बनेगा

522 करोड़ की लागत से बनेगा स्तूप रांची : इटखोरी में दुनिया का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप का निर्माण होगा. इसका डिजाइन तैयार कर लिया गया है. वन विभाग से फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा. विश्व पर्यटन दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह बातें होटल रेडिशन ब्लू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2019 7:48 AM
522 करोड़ की लागत से बनेगा स्तूप
रांची : इटखोरी में दुनिया का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप का निर्माण होगा. इसका डिजाइन तैयार कर लिया गया है. वन विभाग से फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा.
विश्व पर्यटन दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह बातें होटल रेडिशन ब्लू में कही. यहां आयोजित दो दिवसीय झारखंड टूर काॅन्क्लेव में वह बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य में टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं, जिसे आधुनिक तरीके से विकसित करने की जरूरत है.
काॅन्क्लेव का थीम था बौद्ध पर्यटन का विकास. इसमें विद्वानों, बौद्ध भिक्षुओं, विचारकों और इंटरनेशनल एंड डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स व संस्थाओं से जुड़े लोग शामिल हुए. मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि चतरा का इटखोरी तीन धर्मों का संगम स्थल है, जिसका विकास कर पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है. कार्यक्रम में पर्यटन मंत्री अमर कुमार बाउरी सहित कई अन्य वक्ताओं ने भी टूरिज्म की संभावनाओं और महत्व पर प्रकाश डाला.
बुद्धिस्ट सर्किट का होगा विकास : पर्यटन विभाग अंतरराष्ट्रीय बौद्ध धर्मावलंबियों को पर्यटन की दृष्टि से आकर्षित करने के लिए राज्य में बुद्धिस्ट सर्किट विकसित करेगा.
इसमें लास्ट वॉक ऑफ बुद्धा के नाम से चर्चित महाने नदी से लेकर बोधगया के निरंजना नदी के रिवर फ्रंट तक के इलाके को डेवलप करने की योजना है. इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खास कर दक्षिण पूर्व एशिया के बौद्ध धर्मावलंबियों को प्रदेश में पर्यटन के लिए आकर्षित किया जा सकेगा.
पहले इतिखोई था इटखोरी का नाम : काॅन्क्लेव में इटखोरी के नामकरण पर भी चर्चा हुई. इस जगह का प्राचीन नाम इतिखोइ (पाली भाषा) था. बुद्ध ज्ञान प्राप्त कर इटखोरी पहुंचे. यहां से वह सत्य-अहिंसा का प्रचार करने के लिए प्रस्थान करनेवाले थे. इस बीच उनकी मौसी को पता चला कि सिद्धार्थ यहां हैं. वह उनके पीछे-पीछे यहां चली आयीं.
उन्होंने सिद्धार्थ को अपने साथ चलने को कहा, बुद्ध लाख मनाने के बाद भी नहीं माने, तो उन्होंने कहा…इतिखोई, मतलब उन्होंने अपना पुत्र इसी जगह खो दिया. इसी प्रकरण पर इस जगह का नामकरण हुआ, जो बाद में इटखोरी हो गया.
164 एकड़ जमीन पर बनेगा दुनिया का सबसे ऊंचा स्तूप
झारखंड के इटखोरी में बननेवाला स्तूप दुनिया का सबसे ऊंचा बौद्ध स्तूप होगा. इसका निर्माण दो फेज में पूरा होगा. पहले चरण में 262 करोड़ रुपये और दूसरे चरण में 260 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. कुल 164 एकड़ जमीन पर बननेवाले इस स्वर्णकार स्तूप के प्रेयर विल की ऊंचाई जमीन से 30 मीटर होगी.
जो चीन के सबसे बड़े स्तूप से छह मीटर ज्यादा होगी. स्तूप का डीपीआर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट ऑफ कर्नाटका लिमिटेड (आइडीइसीके) द्वारा तैयार किया गया है. पहले चरण के निर्माण के लिए 23 एकड़ जमीन को फॉरेस्ट क्लीयरेंस के लिए भेजा गया है.
इटखोरी में बननेवाले बौद्ध स्तूप का मॉडल
चीन के इसी स्तूप से छह मीटर अधिक होगी ऊंचाई
क्या होगा खास
इंट्रेंस प्लाजा
पर्यटन सुविधा
महात्मा बुद्ध से जुड़ी सामग्री की दुकानें
बुद्ध ध्यान केंद्र
(मेडिटेशन सेंटर)
गेस्ट हाउस
कन्वेंशन सेंटर
मैरेज हॉल
मंडप संस्कार
मुंडन मंडप
प्रार्थना केंद्र

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