रांची : पत्थर व्यवसायियों की हड़ताल एक से

रांची : सरकार द्वारा रॉयल्टी बढ़ाये जाने के खिलाफ पत्थर व्यवसायी एक अक्तूबर से हड़ताल पर चले जायेंगे. संथाल परगना पत्थर व्यवसाई संघ के अध्यक्ष चंद्रेश्वर प्रसाद सिन्हा ने इसकी घोषणा कर दी है. उन्होंने कहा कि है कि सरकार यदि बढ़े हुए रॉयल्टी के संबंध में पुनर्विचार नहीं करती है, तो राज्यभर के पत्थर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 28, 2019 9:52 AM
रांची : सरकार द्वारा रॉयल्टी बढ़ाये जाने के खिलाफ पत्थर व्यवसायी एक अक्तूबर से हड़ताल पर चले जायेंगे. संथाल परगना पत्थर व्यवसाई संघ के अध्यक्ष चंद्रेश्वर प्रसाद सिन्हा ने इसकी घोषणा कर दी है.
उन्होंने कहा कि है कि सरकार यदि बढ़े हुए रॉयल्टी के संबंध में पुनर्विचार नहीं करती है, तो राज्यभर के पत्थर व्यवसायी एक अक्तूबर से काम पूरी तरह से ठप कर देंगे. इसके पूर्व 30 सितंबर को व्यवसायी अलग-अलग जिलों में धरना देंगे. उन्होंने कहा कि सभी जिलों के प्रतिनिधियों से बात चल रही है. 30 सितंबर को रांची में संघ की बैठक भी होगी. इधर झारखंड राज्य पत्थर व्यवसायी संघ के अध्यक्ष मदन लाल कौशिक ने कहा कि अभी कमेटी के सदस्यों के साथ बातचीत चल रही है. राज्यभर के व्यवसायी एक अक्तूबर से हड़ताल पर चले जायेंगे.
क्या है मामला : चंद्रेश्वर प्रसाद सिन्हा ने बताया कि पूर्व में पत्थर पर रॉयल्टी की दर 433 रुपये प्रति सीएफटी थी. जिसे बढ़ाकार 1007 रुपये प्रति सीएफटी कर दी गयी है. इसकी अधिसूचना 16 सितंबर को जारी कर दी गयी. यह बढ़ोतरी तीन गुणा है. उन्होंने बताया कि बोल्डर की कीमत 450 रुपए है. जबकि रॉयल्टी ज्यादा है. सामग्री की कीमत से ज्यादा टैक्स दिया जाए, ऐसा कहीं भी नहीं होता है. जबकि पड़ोसी राज्यों बिहार व बंगाल में अभी भी दर 300 रुपये प्रति सीएफटी है.
झारखंड में 20 हजार पत्थर व क्रशर के लाइसेंसधारी, दो लाख लोगों को रोजगार है : झारखंड में इस समय 20 हजार पत्थर व क्रशर के लाइसेंसधारी हैं. इनमें 10 हजार के करीब चालू हालत में हैं. एक पत्थर खदान से करीब 200 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है. श्री सिन्हा ने कहा कि पत्थर खदान बंद होने से लगभग दो लाख लोगों के रोजगार पर असर पड़ेगा.

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