पांच अगस्त को सदन में आयेंगे आठ विधेयक (विधानसभा…..)

रांची : मॉनसून सत्र के दौरान सदन में आठ विधेयक लाये जायेंगे. स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता ने बताया कि वर्तमान सत्र में सरकार ने सभी आठ विधायक पांच अगस्त को लाये जायेंगे. ये हैं मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट, झारखंड जल संसाधन नियामक प्राधिकार, झारखंड मूल्य वर्द्धित कर संशोधन, झारखंड अराजकीय माध्यमिक विद्यालय (प्रबंधन-नियंत्रण) संशोधन विधेयक, झारखंड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2014 6:00 PM

रांची : मॉनसून सत्र के दौरान सदन में आठ विधेयक लाये जायेंगे. स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता ने बताया कि वर्तमान सत्र में सरकार ने सभी आठ विधायक पांच अगस्त को लाये जायेंगे. ये हैं मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट, झारखंड जल संसाधन नियामक प्राधिकार, झारखंड मूल्य वर्द्धित कर संशोधन, झारखंड अराजकीय माध्यमिक विद्यालय (प्रबंधन-नियंत्रण) संशोधन विधेयक, झारखंड कृषि उपज बाजार संशोधन, झारखंड प्राद्यौगिक विश्वविद्यालय विधेयक और कृषि कार्य में कीटनाशक निवारण-नियंत्रण विधेयक. इसके साथ ही विधानसभा के वर्तमान सत्र में चुनाव संबंधी हाउसिंग विधेयक लाने की तैयारी भी है. इस विधेयक के लागू होने के बाद पार्टी कार्यकर्ता-समर्थक चुनाव के दौरान अपने घरों में झंडा-बैनर लगा सकेंगे. पिछले दिनों भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत झारखंड दौरे पर आये थे. कई राजनीतिक दलों ने इसे लेकर सवाल उठाया था. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा था कि राज्य सरकार इसे लेकर कानून बना सकती है. इसके बाद चुनाव संबंधी हाउसिंग विधेयक लाने की तैयारी की गयी है. आज सदन में क्या-क्या होगाप्रश्नकालवित्तीय वर्ष 2014-15 के प्रथम अनुपूरक बजट पर वाद-विवादविनियोग विधेयक का उपस्थापनसीपी सिंह ने उठाया चान्हो का मामलामॉनसून सत्र के पहले दिन कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक सीपी सिंह ने चान्हों में एक आदिवासी के मारे जाने का मामला उठाया. श्री सिंह ने कहा कि दो गुटों के बीच संघर्ष में एक आदिवासी की मौत हो गयी है. सरकार इसे गंभीरता से ले. यह कानून-व्यवस्था का मामला है. सरकार को आदिवासियों की चिंता नहीं है.सदन में चर्चा हो, शोक प्रकाश चार के बाद लायेंझाविमो विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि सरकार अपना काम कर लेती है, लेकिन जनता के सवालों पर सदन में चर्चा के लिए समय नहीं मिलता. सदन का सत्र छोटा है, ऐसे में लॉ एंड ऑर्डर, सुखाड़ जैसे मुद्दे पर चर्चा के लिए समय निकाला जाना चाहिए. चान्हो में इतनी बड़ी घटना हो गयी है. शोक प्रकाश को शाम में लाया जाये, उससे पहले इन महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करा लें. स्पीकर का कहना था कि ऐसी परंपरा नहीं है. शोक प्रकाश के बाद सदन नहीं चलाया जा सकता. श्री यादव ने कहा कि परंपरा तो यह भी नहीं है कि सरकार ऐसे में अपना काम कर ले.

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