सुनील चौधरी, रांची : डीपीआर व लागत राशि के फेर में कांटाटोली फ्लाई ओवर का काम 15 दिनों से बंद है. डीपीआर में उल्लेखित मूल राशि में संशोधन कर 100 प्रतिशत राशि बढ़ा दी गयी थी. मूल डीपीआर के डिजाइन में भी कई परिवर्तन कर दिये गये थे. नगर विकास विभाग के आदेश में लिखा गया है कि मूल डीपीआर बिना पर्याप्त तकनीकी सर्वेक्षण के आधार पर तैयार किया गया था.
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कांटाटोली फ्लाइओवर का काम बंद
सुनील चौधरी, रांची : डीपीआर व लागत राशि के फेर में कांटाटोली फ्लाई ओवर का काम 15 दिनों से बंद है. डीपीआर में उल्लेखित मूल राशि में संशोधन कर 100 प्रतिशत राशि बढ़ा दी गयी थी. मूल डीपीआर के डिजाइन में भी कई परिवर्तन कर दिये गये थे. नगर विकास विभाग के आदेश में लिखा […]
इसके लिए भारी राशि कंसलटेंसी फीस के रूप में दी गयी. मामला सामने आने के बाद इसकी जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गयी है. कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद और संशोधित प्राक्कलन कैबिनेट से मंजूर होने के बाद ही अब काम शुरू होगा.
कंसलटेंसी फीस की होगी जांच : नगर विकास विभाग के संयुक्त सचिव संजय बिहारी अंबष्ठ ने 26 सितंबर को अादेश जारी कर फ्लाइओवर के डीपीआर की जांच का आदेश दिया है.
जांच आदेश में लिखा गया है कि 22 जुलाई 2016 को कांटाटोली फ्लाइओवर निर्माण के लिए 5170.12 लाख रुपये व योजना के कार्यान्वयन के लिए 14048.87 लाख रुपये की लागत पर भूमि अधिग्रहण यानी कुल 19218.99 लाख रुपये की योजना की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी थी. योजना का डीपीआर मेकन लिमिटेड
द्वारा तैयार किया गया था. इसके बाद मेकन द्वारा दोबारा योजना के लिए संशोधित डीपीआर तैयार किया गया. पथ निर्माण विभाग के केंद्रीय निरूपण संगठन के मुख्य अभियंता द्वारा पुनरीक्षित डीपीआर में कुल 25749.19 रुपये के प्राक्कलन पर तकनीकी अनुमोदन प्राप्त किया गया है. इस संशोधित डीपीआर पर प्रशासनिक स्वीकृति लेने का प्रस्ताव 16.9.2019 को विकास आयुक्त सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में आयोजित राज्य योजना प्राधिकृत समिति की बैठक में रखा गया .
बैठक में निर्देश दिया गया कि परियोजना में भौतिक विस्तार एवं विभिन्न तकनीकी परिवर्तन से संबंधित बिंदुओं की जांच करने के बाद ही पुनरीक्षित प्रस्ताव को अगली बैठक में रखा जाये. इस निर्देश पर नगर विकास विभाग ने डिजाइन में परिवर्तन एवं अन्य तकनीकी बिंदुओं की जांच के लिए पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है.
कमेटी में नगर विकास विभाग के मुख्य अभियंता, पथ निर्माण विभाग केंद्रीय निरुपण संगठन के मुख्य अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग रांची प्रक्षेत्र के क्षेत्रीय मुख्य अभियंता को सदस्य बनाया गया है. जुडको लिमिटेड जीएम(लोक कार्य) को सदस्य बनाया गया है.
इन बिंदुओं पर जांच का आदेश (बॉक्स)
फ्लाइओवर निर्माण के लिए मूल डीपीआर की राशि 40.30 करोड़ से बढ़ कर 82.14 करोड़ हो गयी. जो मूल डीपीआर की राशि से 100 प्रतिशत से भी अधिक है.
मूल डीपीआर को त्रुटिपूर्ण होने का उल्लेख करते हुए पुल की लंबाई 905 मीटर से बढ़ाकर 1250 मीटर किया गया है.
ओपन फाउंडेशन के स्थान पर पाइल फाउंडेशन का प्रावधान किया गया है
पाइपर कैप की लंबाई में वृद्धि का प्रावधान किया गया है
क्यों है काम ठप
कांटा टोली फ्लाई ओवर में हो रही पाइलिंग की लंबाई पूर्व में 1580 मीटर थी, जिसे बढ़ा कर 1700 मीटर कर दिया गया. 19 पिलर का निर्माण होना है, जिसमें केवल दो पिलर ही कुछ लंबाई तक खड़े हो सके हैं. निर्धारित एस्टीमेट में जितने मटेरियल का उल्लेख था, वह समाप्त हो गया. अब जब तक संशोधित डीपीआर नहीं बनता तब तक काम आगे नहीं बढ़ सकता. फ्लाइओवर का निर्माण जुडको द्वारा मोदी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के माध्यम से कराया जा रहा है.
संशोधित प्राक्कलन कैबिनेट से मंजूर होने के बाद ही अब काम शुरू होगा
इन बिंदुओं पर एेतराज
40.30 करोड़ की लागत से बनना था फ्लाई ओवर, लागत राशि बढ़ाकर 82.14 करोड़ की गयी
कंसलटेंट को भारी रकम कंसलटेंसी फीस के रूप में दी गयी
डिजाइन में कैसे परिवर्तन हुआ, बिना तकनीकी सर्वे के बना डीपीआर
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