सांसदों का आचरण अमर्यादित : नायडू
(संसद की खबर में कोट)आसन के समक्ष आना, आगे की सीटों की ओर आना और कागज फाड़ना कुछ लोगों की आदत बन गयी है. ऐसी गतिविधियां मर्यादित कतई नहीं हैं. पूरा देश देख रहा है और इस कार्रवाई से किसी को फायदा नहीं होगा. इसलिए मैं सभी सदस्यों से विनम्र आग्रह करता हूं कि हमें […]
(संसद की खबर में कोट)आसन के समक्ष आना, आगे की सीटों की ओर आना और कागज फाड़ना कुछ लोगों की आदत बन गयी है. ऐसी गतिविधियां मर्यादित कतई नहीं हैं. पूरा देश देख रहा है और इस कार्रवाई से किसी को फायदा नहीं होगा. इसलिए मैं सभी सदस्यों से विनम्र आग्रह करता हूं कि हमें सदन की गरिमा बनाये रखने के लिए मिलजुल कर काम करना चाहिए. कोई मुद्दा कितना गंभीर है, यह बात महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि निर्धारित प्रक्रियाएं हैं जिनके जरिये इसे उठाया जा सकता है. प्रश्न काल सदन का होता है, सदस्यों का होता है. क्या आप उस अधिकार को निलंबित करना चाहते हैं. मैं इस भावना से सहमत नहीं हूं. अगर कोई मुद्दा गंभीर है, तो निश्चित रूप से सरकार कह चुकी है कि वह हर मुद्दे पर बहस करने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए एक व्यवस्था है.एम वेंकैया नायडू, संसदीय कार्य मंत्री